बिहार की राजनीति में सुशांत सिंह राजपूत का केस अब आपस में मिलता हुआ दिखाई दे रहा है. लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के एक विधायक ने बॉलीबुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत पर विवादित बयान दे डाला, जिसकी वजह से यह चर्चा में आ गया. यह बयान सुशांत सिंह के 'राजपूत' होने यानी जातिवाद को लेकर किया गया है.
दरअसल, सहरसा से राजद विधायक अरुण यादव ने कहा कि एक्टर सुशांत सिंह राजपूत जाति से राजपूत नहीं था. अगर वह राजपूत होता तो गले में रस्सी लगाकर मरता नहीं, क्योंकि राजपूत महाराणा प्रताप के वंशज होते हैं. वो राजपूत था तो उसे मुकाबला करना चाहिए था. वैसे सीबाआई जांच कर रही है. वह अपना काम कर रही है. अरुण यादव ने अपने इलाके में एक चुनावी दौरे के बीच ये बातें कहीं.
यही नहीं अरुण यादव ने कहा कि डोरी (रस्सी) बांधकर मरना नहीं चाहिए था. उससे डट कर मुकाबला करना चाहिए था, लेकिन वह नहीं कर पाया. महाराणा प्रताप राजपूत के साथ-साथ यादवों के भी पुरखे थे. जब अरूण यादव को लगा है कि वह विवादित बयान दे चुके हैं तो उन्होंने डैमेज कंट्रोल करने के लिए कहा कि सुशांत केस की सीबीआई जांच कर रही है. हमारे नेता तेजस्वी यादव ने सीबीआई जांच करने की मांग भी की थी. जो नालंदा में फिल्म सिटी बन रहा है उसका नाम हमलोगों ने सुशांत के नाम पर रखने की मांग की है.
अरुण यादव के बयान के बाद सियासत तेज हो गई है. सुशांत सिंह राजपूत के चचेरे भाई और सुपौल के छातापुर से भाजपा विधायक नीरज कुमार सिंह बबलू ने कहा कि राजद विधायक अरुण यादव की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है, इसलिए वो अनाप सनाप बोल रहे है. नीरज सिंह ने कहा कि अरुण यादव का इस बार टिकट कटने वाला है. इसलिए उनकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं चल रही है. यही वजह है कि वो बेतुका बयान दे रहे हैं. बिना सिर-पैर के बोल रहे हैं. इस बार जनता उन्हें उनके बयानों का सही अर्थ समझा देगी.