प्रशांत शर्मा/न्यूज़11 भारत
हजारीबाग/डेस्क:-साल 2024 का रामनवमी बेहद खास है. वर्तमान वर्ष रामलला टेंट में नहीं बल्कि अद्भुत, अलौकिक और भव्य श्रीराम मंदिर में पधार चुके हैं. मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्या के साथ संपूर्ण दुनिया रामलला के जन्मोत्सव को खास तरीके से मना रहा है. झारखंड राज्य के राम भक्तों के शहर के नाम से मशहूर हजारीबाग में झंडा पर्व की फिजा निराली लगती है. सद्भावना, एकता और भाईचारगी का मिसाल हजारीबाग के विश्व विख्यात रामनवमी शोभायात्रा का आकर्षक नजारा आज देर शाम दिखेगा. सैकड़ों अखाड़ों के लोग भगवान श्रीराम के आदर्शों का अनुशरण करते हुए साम्प्रदायिक सद्भाव और भाईचारगी का संदेश देने हेतु हाथों में केशरिया परचम लिए एक अद्भूत जोश, जूनून और उमंग के साथ तासों की पुरनूर झंकार और गडगड़ाहट, लाठियों के तड़तडाहट, नुक्कड़ों के शोर के जोर संग थिरकते- नाचते- झूमते सड़क पर उतरेंगे. यह धार्मिक जुलूस जो अनवरत कल देर शाम तक जारी रहेगा. इस दौरान सामाजिक जागरूकता, राष्ट्रीय एकता, भारतीय संस्कृति और सभ्यता, धार्मिकता और सामाजिकता के साथ भाईचारगी का संदेश बिखेरता दर्जनों ऐतिहासिक झांकियों का कतारबद्ध कारवां, नन्हें- नन्हें विद्युतीय बल्बों से निकलती रोशनी के बीच चुंधियाती आँखें और अखाड़ा धारियों द्वारा लाठी, डंडा, भुजाली, तलवार आदि से कला- कौशल का हैरतअंगेज कारनामे दिखाना जुलुस को और मनोहारी बना देता है. मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम, देवों के देव महादेव और वीर बजरंगबली के नारे से हजारीबाग के चारों दिशाएं गूंज उठती है. इन मनभावन, अद्वितीय, अनुपम, ख़ुशगवार दृश्यों का अवलोकन करने हेतु दूर- दराज से जनसैलाब उमड़ पड़ता है. हजारीबाग की रामनवमी जुलूस यहां की तहजीब समृद्धि सांस्कृतिक और सामाजिक विरासत एवं अस्मिता का प्रतीक बन चुका है. यहां रामनवमी अतिविशिष्ट लोक उत्सव के रूप में मनाया जाता है. मनाये भी क्यों नहीं, यह उनका जन्मदिन का उमंग है, जो पापी, अत्याचारी और अधार्मिक व्यक्ति को भी सन्मार्ग पर लाकर श्रेष्ठ व्यक्ति बना सकते हैं. वे मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव हजारीबाग वासियों द्वारा विशेष तरीके से मनाया जाता है. भगवान श्री राम के आदर्श चरित्र और धार्मिक उपदेश को पहल करके मनुष्य उत्कृष्ट आचरण का उदाहरण प्रस्तुत कर सकता है. जुलूस में शामिल श्रद्धालुओं के सेवार्थ यहां दर्जनों स्टॉल लगाए जाते हैं.
रामनवमी जुलूस के सौहार्दपूर्ण संचालन के लिए यहां तमाम जनप्रतिनिधि, रामनवमी महासमिति के सभी पदाधिकारी और सदस्यगण के अलावे जिला प्रशासन, सभी राजनीतिक दलों के लोग, सद्भावना समिति के लोग, सभी धर्म- संप्रदाय के लोग, समाजसेवी, शिक्षाविद्ध, प्रेस- मीडिया और हजारीबाग के प्रबुद्ध लोगों के साथ समस्त आम- आवाम जुलूस में तैनात रहेंगे जुलूस के संचालन को लेकर जिला प्रशासन द्वारा भी विधि व्यवस्था को दुरुस्त कर लिया गया है. जिले के वरीय प्रशासनिक पदाधिकारी लगातार जुलूस मार्ग का खुद निरीक्षण कर रहे हैं. शहर में भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है सैकड़ों सीसीटीवी कैमरे के अलावे ड्रोन कैमरे से भी निगरानी रखी जा रही है.
कोरोना के विध्वंस कारी स्वरूप ने पिछले 2 वर्ष जो भयावह स्थिति पैदा किया उसके कारण हजारीबाग के रामनवमी शोभायात्रा का पारंपरिक स्वरूप हजारीबाग की सड़कों पर 02 वर्षों तक यानी साल 2020 एवं 2021 में नहीं दिखा. दो वर्ष बाद साल 2022 में पारंपरिक रामनवमी जुलूस निकालने को लेकर राम भक्त उत्साहित दिखे. कोविड प्रोटोकॉल के साथ रामनवमी का त्यौहार मनाया गया. साल 2023 में कोविड प्रोटोकॉल पूरी तरह समाप्त होने के बाद राम भक्तों का उत्साह वैभव पर है लेकिन उनके उत्साह को झारखंड सरकार और जिला प्रशासन के द्वारा रामनवमी शोभा यात्रा के दौरान डीजे पर पाबंदी कर कम करने का प्रयास किया गया. हालांकि उस वक्त हजारीबाग के जनप्रतिनिधि और रामभक्त इसे लेकर मुखरता से आवाज बुलंद करते रहे. साल 2023 में डीजे के बगैर उत्साह और उल्लास पूर्वक सौहार्दपूर्ण माहौल में रामनवमी मनाया गया. साल 2024 के खास रामनवमी को लेकर यहां के रामभक्तों और सनातनी श्रद्धालुओं में विशेष उमंग है और हजारीबाग के हरेक राम भक्त के रोम- रोम में राम नवमी का जुनून सवार दिख रहा है. रामनवमी से पूर्व से ही यहां आकर्षक झांकियों और शोभायात्रा का संचालन शुरू हो चुका है. 500 वर्षों बाद जब पहली बार टेंट से निकलकर मंदिर में रामलाल स्थापित हुए हैं तो उनके मंदिर आगमन की खुशी में रामभक्त फूले नहीं समा रहें हैं और अबकी हजारीबाग की रामनवमी यानी दशमी और एकादशी को सड़कों पर उतरकर इस आंतरिक खुशी का इजहार करेंगे . 100 से अधिक वर्ष का रामनवमी जुलूस का पारंपरिक इतिहास एक बार फिर दोहराने को यहां के लोग बेताब है. हजारीबाग में रामनवमी लोक उत्सव के रूप में मनाया जाता है. इस धार्मिक उत्सव के दौरान वृहत स्तर पर समाज के कई वर्गों को रोजगार भी मिलता है. जिसमें ताशा पार्टी, साउंड वाले, झंडों के व्यवसाई, झांकी के सामग्री विक्रेता, फ्लेक्स, पोस्टर, रशीद छपाई वाले, मिठाई वाले, पूजन सामग्री विक्रेता, गाड़ी वाले, पारंपरिक हथियार विक्रेता, कपड़ा विक्रेता, मूर्तिकार, ठेला - खोमचे वाले सहित अन्य के लिए रोजगार सृजन का माध्यम है. वर्तमान वर्ष भी हजारीबाग की रामनवमी में सरकार और प्रशासन द्वारा डीजे पर पाबंद लगाने से अखाड़ा धारियों पर वित्तीय बोझ बढ़ा है और ताशा पार्टी की कमी की वजह से अखाड़ा धारियों को बढ़िया तासा भी नहीं मिल पा रहा है. लेकिन अब यह भविष्य के गर्भ में है कि जुलूस पर सरकार की पाबंदी कितना कारगर होती है.