फिट इंडिया मूवमेंट के एक साल पूरा होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खिलाड़ियों और दूसरे सेलेब्रिटीज से बात की. इस दौरान क्रिकेटर विराट कोहली चर्चा में मोदी ने पूछा कि टीम के लिए योयो टेस्ट हो रहा है, क्या कैप्टन को भी करना पड़ता है? इस पर कोहली ने कहा कि हम अपना फिटनेस लेवल बढ़ाना चाहते हैं, इसके लिए योयो टेस्ट जरूरी है. कोहली ने कहा कि मैं भी इसमें फेल हुआ तो सिलेक्शन नहीं हो पाएगा.
मोदी की विराट से बातचीत
मोदी- दुबई से समय निकालकर जुड़े. आपका तो नाम ही विराट है. फिटनेस पर क्या कहेंगे?
विराट- मैंने भी जिंदगी में ट्रांजिशन से गुजरा. मुझे एक्सपीरियंस मिला कि जो रुटीन सही नहीं था, क्योंकि खेल काफी आगे बढ़ चुका था. जो सेल्फ रियलाइजेशन की बात थी. मुझे भी लगा कि फिटनेस प्रायोरिटी होनी चाहिए. प्रैक्टिस मिस हो जाए तो खराब नहीं लगता, फिटनेस सेशन मिस हो जाए तो बहुत बुरा लगता है.
मोदी- दिल्ली के छोले-भटूरे मिस करते हैं?
विराट- जहां से आता हूं, वहां का खान-पान बहुत असर नहीं डालता. हालांकि, अब फिटनेस के लिए बहुत कुछ बदलना पड़ा. अगर हम फिटनेस को इम्प्रूव नहीं करेंगे तो खेल में पीछे छूटते चले जाएंगे. शरीर और दिमाग दोनों का स्वस्थ रहना जरूरी है. रात को मीठा खाकर बिना कोई एक्टिविटी किए सो गए, ये गलत होता है. दिमाग में ये क्लीयर होना जरूरी है कि आप किसके लिए फिट रहना चाहते हैं?
मोदी- आप लगातार एक्टिविटीज करते रहते हैं, थकते नहीं हैं?
विराट- कोई भी एक्टीविटी करने पर थकना लाजिमी है. मैं भी थकता हूं, लेकिन थकने के बाद मैं एक मिनट में दोबारा तैयार हो जाता हूं तो यह बड़ी बात होती है. टेस्ट क्रिकेट थकाऊ होता है. तीन दिन में प्लेयर्स को थकान होने लगती है. अगर खिलाड़ी फिट है तो वह तीसरे-चौथे-पांचवें दिन भी एफर्ट डाल सकता है. हमारे पास पहले भी स्किल थी, यही हमारी ताकत है. लेकिन पहले खिलाड़ी थकने की वजह से एफर्ट नहीं डाल पाते थे, लिहाजा हमारी टीम हार जाती थी.