किशोर कुमार जायसवाल/न्यूज़11 भारत
गुमला/डेस्क:-बिशुनपुर प्रखंड के पूर्वी पठार क्षेत्र के लगभग आधा दर्जन गांवों के चार बूथ के लोगों ने सड़क नही बनने के कारण रविवार को बैठक कर वोट बहिष्कार करने का निर्णय लिया है. इस मौके पर हाडूप रिसापाठ उप स्वास्थ्य केंद्र के समिप गांव के ग्राम प्रधान ननकू खरवार की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई. जहां पर ग्रामीणों के द्वारा बताया गया कि आजादी के 77 वर्ष बीत जाने के बाद आज भी प्रखंड के पूर्वी पठार क्षेत्र के लोग बुनियादी सुविधा से वंचित हैं. खासकर लोगों के द्वारा वर्षों से प्रखंड मुख्यालय से लेकर हाडूप होते हुए चीरो पाठ, इटकिरी से रिसापाठ एंव हिसीर से बेथड तक सड़क निर्माण की जाने की मांग करते आ रहे हैं. इस संबंध में कई बार ग्रामीणों के द्वारा प्रखंड कार्यालय जिला कार्यालय एवं वन विभाग को ज्ञापन सौंप कर सड़क बनाएं जाने की मांग की गई है. परंतु अब तक सड़क का निर्माण नहीं हो सका है. जिस कारण लोगों को प्रखंड मुख्यालय तक पहुंचने में काफी कठिनाई होती है. ग्रामीणों के द्वारा बताया गया कि सड़क नहीं होने के कारण जब कोई बीमार पड़ता है तो लोग उसे खाट पर उठाकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिशुनपुर लाते हैं तब तक कई लोगों की जान भी चली जाती है खासकर गर्भवती महिलाओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है क्योंकि समय पर उन्हें लोग अस्पताल नहीं पहुंच पाते हैं. इसके अलावा सड़क के अभाव में गांव के बच्चे भी स्कूल तक नहीं पहुंच पाते हैं और अधिकांश लोग गांव में अशिक्षित हैं. इन्हीं वजह से गांव के लोग इन दिनों काफी आक्रोशित हो गए हैं. ग्रामीणों का कहना है कि हम कभी कांग्रेस को तो कभी बीजेपी को वोट देकर सरकार बनाने का काम करते आ रहे हैं. परंतु शायद हमारे द्वारा चूनी गई सरकार की नजरों में हम उनके जनता नहीं है इसीलिए आज तक सड़क का निर्माण नहीं हो सका है. यही वजह है कि ग्रामीण एकजुट होकर सर्व समिति से वोट बहिष्कार करने का निर्णय लिए हैं. इस मौके पर रामलाल उरांव, राजबली भगत, पुराण भगत, बसंत उरांव, मंगरु खेरवार, बुद्धेश्वर उरांव, मंजू देवी सहित कई लोग उपस्थित थे.
राजनीतिक दल के नेताओं को गांव नहीं घुसने की दी गई है चेतावनी
ग्रामीणों के द्वारा राजनीतिक दल के नेताओं को गांव नहीं घुसने की चेतावनी देते हुए कहा गया है कि सिर्फ चुनाव के दरमियान नेता हमारे गांव आते हैं और चिकनी चुपड़ी बनाकर अपने पक्ष में मतदान करने के लिए लुभाने का काम करते हैं अगर कोई राजनीतिक दल के नेता वोट मांगने के उद्देश्य गांव आता है तो उसे ग्रामीणों के द्वारा पड़कर उससे पूछा जाएगा कि आखिर क्यों आज तक सड़क का निर्माण नहीं हो पाया है. अगर ग्रामीणों को नेताओं के द्वारा गुमराह करने का प्रयास किया गया तो उन्हें बंधक बनाने का भी काम किया जाएगा.
पंचायत प्रतिनिधियों को सुनाया खरी खोटी
बहुत बहिष्कार करने की सूचना मिलने के उपरांत सेरका पंचायत के कई पंचायती प्रतिनिधि बैठक में शामिल होकर ग्रामीणों को समझने का प्रयास कर रहे थे कि वोट देना उनका अधिकार है वह काम करने वाले प्रतिनिधि का चयन करें. इस पर गांव के लोग आग बबूला हो गए और जनप्रतिनिधियों को भी जमकर खरी खोटी सुनाई.