संतोष कुमार/न्यूज़11 भारत
चांडिल/डेस्क:झारखंड में पड़े भीषण गर्मी से पूरे झारखंड के साथ साथ सरायकेला जिला के अंतर्गत कुकड़ु प्रखण्ड क्षेत्र तथा आसपास के अन्य ब्लॉक में भी गर्मी से जनजीवन के साथ साथ मवेशियों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था. ग्रामीण क्षेत्र होने के कारण छोटा तालाब, कुआ, डोभा, चापाकल आदि जल का मुख्य स्रोत है, अत्यधिक गर्मी पड़ने से आसपास के इलाके में विभिन्न मुख्य जलाशय सूख गया था.जिसके खामियाजा क्षेत्र में रह रहे आम जनों के साथ साथ मवेशियों को पानी का कमी से काफी कठिनायों का सामना करना पड़ रहा था.क्षेत्र में स्थित तालाब, चापाकल, कुआ जिससे इंसान एवं मवेशियों का स्नान करना ,कपड़ा धोने, जैसे आदि नित्य क्रिया करते थे,परंतु जल स्रोत सुख जाने से सभी को बहुत ही कठिन दौर से गुजरना पड़ रहा था. ग्रामीण क्षेत्र होने के कारण 90 प्रतिशत आबादी कृषि,खेती बाड़ी से अपना जीवन यापन करते है,खेत में उगाए जाने वाले फसल को उचित वृद्धि तथा पैदावार बनाने हेतु समुचित जल की उपलब्धता जरूरी है. जलाशय सूख जाने से विभिन्न प्रकार की सब्जियों को जल की उचित उपलब्धता नही दे पाने से अधिकतर फसल पानी के अभाव से बर्बाद हो जा रहा था. जन जीवन पर भी विशेष असर पड़ रहा था,मवेशियों का आहार विचरण करने का घास तक मर जा रहा था, चारों तरफ पानी के लिए त्राहिमाम और हाहाकार मचा हुआ था.
परन्तु विगत मंगलवार को कुछ मात्रा में बारिश हो जाने से वातावरण ठंडा पड़ने के साथ साथ सभी छोटे बड़े जलाशयों में पानी का कुछ हिस्सा संग्रह हो गया है.जिससे खेती करने वाले किसान से लेकर मैदान में विचरण करने वाले मवेशियों को भी अपने आहार हेतु हरा हरा घास उगने में बारिश का विशेष योगदान हुआ.खेत में धूप से झुलस रहे फसल भी दोबारा अपने हरापन के साथ लहलहाने लगे.हमारे ईचागढ़ क्षेत्र में चांडिल डेम एक बड़ा जलाशय के रूप में अवस्थित है, जिसमें कृषि हेतु उचित व्यवस्था लिफ्टिंग सिस्टम से जल का भंडारण को खेत तक पहुंचाकर किसानों की हो रही इस तरह को समस्या को कुछ हद तक समाधान किया जा सकता है.जिसके लिए विभाग को उचित कदम उठाकर किसान की मदद हेतु समुचित व्यवस्था करना अति आवश्यक है,क्योंकि किसान जो भारत वर्ष की मेरुदंड माने जाते है,हमारा भारत एक कृषि प्रधान देश है और किसान वर्ग की सहयोग देश के विकाश में सहयोग होगा.