• पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में है रिया चक्रवर्ती का गांव
• गांव में है उनका 323 साल पुराना घर, जहां होती है हर साल दुर्गा पूजा
• रिया के दादा थे जमींदार, गांव में स्कूल और स्वास्थ्य केंद्र के लिए दान दी थी 28 बीघा जमीन
• रिया के दादा श्रीश की दान की गई जमीन पर बना स्कूल इलाके का है इकलौता स्कूल
• गांव और आसपास के लोग आज भी रिया के परिवार का करते हैं सम्मान
पुरुलिया
मुंबई से 1,780 किलोमीटर दूर, पश्चिम बंगाल का पुरुलिया है. यहां के जंगलमहल के जंगली इलाके के लोग ऐक्ट्रेस रिया चक्रवर्ती की हर एक न्यूज पर निगरानी रखे हैं. रिया चक्रवर्ती को मंगलवार नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB)ने गिरफतार कर लिया.
रिया और उनके परिवार की जड़ें पुरुलिया के बाघमुंडी के टुनटूरी गांव से जुड़ी हैं. यहां पर रिया के दादा श्रीश जमींदार थे और उनकी बहुत इज्जत थी. उन्हें लोग यहां पर दीवान साहिब कहते थे. उनका परिवार अब यहां नहीं रहता है लेकिन उनकी जीर्ण-शीर्ण पैतृक घर हर साल जगमगाता है. यह घर दुर्गा पूजा महोत्सव का केंद्र है. यह घर 323 साल का हो गया है.
रिया के दादा ने दान दी थी 28 बीघा जमीन
रिया के परिजनों को उनके परोपकार के कारण पूरे बाघमंडी में जाना जाता था. लोग आज भी उनका सम्मान करते हैं. रिया के दादा ने 1967 में गांव में एक स्कूल और स्वास्थ्य केंद्र के लिए अपनी 28 बीघा जमीन दान में दी थी. रिया के दादा की दान की हुई जमीन पर बने टुनटूरी हाई स्कूल के हेडमास्टर और पूर्व सांसद बीर सिंह महतो ने कहा, 'मैं अभी भी इस खबर पर विश्वास नहीं कर सकता.' यह स्कूल आज भी इलाके का एकमात्र स्कूल है.
क्या कहते हैं तुनतुरी के पूर्व सांसद
तुनतुरी के पूर्व सांसद और तुनतुरी हाई स्कूल के पूर्व पूर्व हेडमास्टर बीर सिंह महतो ने कहा की चात्रवर्ती परिवार के इतिहास को मैं जानता हूँ. क्षेत्र का ये पहला शिक्षित परिवार रहा है... परिवार के शिखर चक्रवर्ती के 9 पुत्रों में रिया के दादा रामानुज चक्रवर्ती के दो बेटे संतु उर्फ़ शिरीष चक्रवर्ती और एक मंटू थे. रमनुज चक्रवर्ती तब वकील थे. सारा परिवार दुर्गा पूजा में गांव आता था. पूर्व सांसद ने कहा की रिया का मामला मीडिया, बिहार और महाराष्ट्र सरकार का पचड़ा है. जो भी हो एक महिला से ED, NCB और CBI नने 10 घंटे तक पूछताछ की गयी लेकिन सुशांत मामले में कुछ नहीं निकाल सकी. उन्होंने कहा की यह पूरी तरह से पोलिटिकल मामला बन गया है. अभी नवंबर महीने तक चलेगा.
रिया के संबंधी हैं – विश्वजीत चक्रवर्ती
वहीँ रिया के संबंधी विश्वजीत चक्रवर्ती ने कहा की हमारे खानदान में ऐसी लड़की कभी नहीं हुई. रिया 4-5 वर्ष की उम्र में यहां आई थी. इसके बाद फिर नहीं आई. खानदान में ऐसी लड़की होगी ऐसा कभी सोचा भी नहीं था.
स्वास्थ्य केंद्र और स्कूल के लिए जमीन दी थी दान
बीर सिंह ने कहा, 'उनका परिवार शानदार है. श्रीश बाबू के दोनों बेटों ने जीवन में अच्छा काम किया. ग्रामीणों की भलाई के लिए उन्होंने बहुत योगदान दिया. हालांकि परिवार का कोई भी सदस्य अब गांव में नहीं रहता है, लेकिन उनके द्वारा दान की गई भूमि पर बनाए गए स्कूल और स्वास्थ्य केंद्र का उपयोग अब भी यहां के लोगो करते हैं. हम इस बात से सहमत हैं कि सच (सुशांत मामले के बारे में) जल्द ही पता चल जाएगा.
मंदिर के लिए दिया था दान
पूर्व सांसद ने कहा कि रिया लगभग 22 साल पहले अपने पिता इंद्रजीत चक्रबर्ती के साथ गांव आई थीं. उन्होंने मंदिर के लिए कुछ रुपया भी दान में दिया था. उनके दान के रुपयों से मंदिर का स्टोर रूम बनवाया गया. तब अंतिम बार था जब परिवार का कोई सदस्य गांव में आया था.
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