तलवारबाजी और लाठी के माध्यम से करतब देख गदगद हुए लोग, नन्हें हाथों में तलवार और खुद बजा रहे थे ड्रम
प्रशांत शर्मा/न्यूज़11 भारत
हजारीबाग/डेस्क:-परंपरा के अनुसार आर्य समाज द्वारा संचालित आर्ष कन्या गुरुकूल की ओर से नवमी का शौर्य शोभायात्रा निकाला गया. बुधवार संध्या करीब तीन बजे प्रारंभ हुआ जुलूस रात के नौ बजे समाप्त हुआ. इस दौरान 275 आर्ष कन्या गुरुकूल की 275 ब्रहमचारी और ब्रहमचारिणियों ने शानदार तलवार बाजी,लाठी और अन्य साहसिक खेलों का प्रदर्शन कर लोगों को दांतों तले अंगुलियां दबाने को मजबूर कर दिया. लाठी के साथ साथ बालक और बालिकाओं का बैंड दस्ता भी चल रहा था. गुरुकुल के बच्चों ने इस दौरान मुख्य सड़क पर जमकर लाठियां भांजी. जुलूस में रथ और घोड़े भी शामिल किए गए. रथ पर आर्य समाज के प्रतिनिधि सवार थे. वहीं घोड़े पर रानी लक्ष्मीबाई बनी बेटियां हाथ में तलवार लेकर शौर्य और वीरता का साक्षी बनी. शोभायात्रा का नेतृत्व आर्य समाज की ओर से जीवन यादव आरएसएस के जिला संघ चालक श्रद्धानंद सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता सह आरोग्यम के निदेशक हर्ष अजमेरा, भाजपा के बटेश्वर प्रसाद मेहता, अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के प्रांत सह सचिव अरविंद राणा, महासमिति के पूर्व अध्यक्ष पीकू यादव सहित आर्य समाज के डा. विनोद व अन्य कर रहे थे. शोभायात्रा नवाबंगज से प्रारंभ होकर गुरु गोविंद पार्क होकर अनंदा चौक - पैगोडा चौक पहुंची. इसके बाद झंडा चौक होकर बड़ा अखाड़ा और फिर वापसी के क्रम में हनुमान मंदिर, ग्वाल टोली चौक होकर पुन : झंडा चौक पहुंची. मालवीय मार्ग - बंशीलाल चौक होकर पुन : अनंदा चौक पहुंचने के बाद इंद्रपूरी चौक होकर गुरुकूल में समापन हुआ. शोभायात्रा में भाजपा जिलाध्यक्ष विवेकानंद सिंह ने भी लाठियां भांजी. समारोह में बड़ी संख्या में शहर के गणमान्य और महिलाएं शामिल हुई. इस दौरान इनके हाथों में तलवार और इनकी फुर्ती देखते बन रही थी. रात नौ बजे जुलूस का समापन हुआ. मौके पर संतोष यादव, ब्रजेश कुमार, डा. विनोद कुमार आर्य, प्राचार्य पुष्पा शास्त्री, , रेखा जायसवाल, अमिता जायसवाल, अजय आर्य, किशोर मोदी, महेश रविदास सहित अन्य शामिल थे.
खुद हीं बैड बजा रही थी बेटियां और बेटे, साहसिक खेल का प्रदर्शन
शोभायात्रा में सात घोड़े के साथ साथ रथ को शामिल किया गया था. मनोबल बढ़ाने के लिए ब्रहमचारी और ब्रहमचारिणियां खूद बैंड बजा रही थी. इनका दमखम देखकर लोग ताली बजाकर स्वागत कर रहे थे. शोभायात्रा के दौरान साहसिक खेलों का भी प्रदर्शन किया गया.