बोकारोः झारखंड में निजी स्कूलों की मनमानी बढ़ती ही जा रही. दरअसल, झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो की नातिन का स्कूल से केवल इसलिए नाम काट दिया गया क्योंकि स्कूल में फीस बकाया था. झारखंड के शिक्षा मंत्री को जब इसकी जानकारी हुई तो वो फॉरन स्कूल पहुंचे और पूरी जानकारी ली. जिसके बाद उन्होंने अपनी नातिन का बकाया स्कूल फीस जमा किया.
इस बारे में शिक्षा मंत्री ने न्यूज11 को मामले की जानकारी देते हुए कहा कि उनकी नातिन बोकारो के चास डीएव स्कूल में पढ़ाई करती है. जिसकी स्कूल फीस बकाया होने पर ऑनलाइन से नाम काट दिया गया था. उन्होंने कहा कि यह जांच का विषय है. इसकी जांच होगी.
बता दें कि सूबे के मंत्री जगरनाथ महतो ने स्कूल प्रबंधन की जमकर फटकार भी लगाई. उन्होंने कहा कि किसी बच्चे का ऐसे नाम नहीं काट सकता है स्कूल प्रबंधन. ऐसे मामले में स्कूल पर कार्रवाई होगी. मंत्री के स्कूल पहुंचते ही जिला शिक्षा पदाधिकारी भी स्कूल पहुंचे.
एक तरफ जहां लॉकडाउन में सभी स्कूलें लगभग 7 महीने से बंद है. वहीं अभिभावक और स्कूल प्रबंधन के बीच नाराजगी भी बरकरार है. अभिभावकों का कहना है कि महीनों से स्कूल बंद है, पढ़ाई हो नहीं रही...ऐसे में स्कूल फीस नहीं दे सकते. यही नहीं ऑनलाइन क्लास के बारे में अभिभावकों ने कहा कि ऑनलाइन क्लास केवल नाम का है बच्चों की पढ़ाई हो नहीं पा रही. अभिभावकों का कहना है कि लॉकडाउन में नौकरी चली गई है. ऐसे में लोग बेरोजगार हो गए है. इस महामारी में स्कूल फीस सबसे बड़ी परेशानी है.