चाईबासा : एक आम आदमी की जिद क्या होती है. इसका अंदाजा हर किसी के लिए अलग-अलग हो सकता है. लेकिन जब यही जिद किसी अच्छे काम के लिये हो, तो वे एक अकेला शख्स क्या परिवर्तन ला सकता है. इसका अंदाजा आपकी और हमारे कल्पना से परे है. ऐसी ही एक कहानी चाईबासा से है.
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पति-पत्नी और छोटा सा बच्चा के जिद से सामने हार गया चट्टान. ये आदमी की जिद है. पत्थर को कठोर और बड़ा होने का गर्व था. लेकिन इस छोटे से परिवार ने अपनी जिद से पत्थर का सीना तोड़ पानी निकाल दिया. पहाड़ के बीच इनके खेतों को पानी की दिक्कत हो रही थी. फिर क्या था, सोच लिया खेतों तक पानी पहुंचानी है, फिर ना तो पहाड़ टीक पाया और ना ही गर्मी इन्हें पस्त कर पाई.
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ये पूरी कहानी एक गरीब परिवार की है, जो चाईबासा के तांतनगर के चिरची गांव में रहता है. ये किसान दंपत्ति अपना भाग्य खुद लिख रहा है. ये परिवार उन लाखों लोगों के लिए मिशाल है, जो अपना बाधा को बड़ा बता काम छोड़ देते हैं. इसलिए किसी ने ठीक कहा है कि जिद करो दुनिया बदलो.