गढ़वा : वह बात गुज़रे जमाने की हो गयी जब विपरीत परिस्थिति के बाद भी मां अपने कलेजे के टुकड़े यानी अपने बच्चे को खुद से जुदा नहीं करती थी. वर्तमान समय में माता कुमाता होने लगी. आज बड़े शहरों और महानगरों में ही नहीं बल्कि गांव देहात और छोटे शहरों में भी अजन्मे बच्चे को गर्भ में मारने के साथ-साथ जन्म ले चुके बच्चे को किसी और के द्वारा नहीं बल्कि मां के द्वारा ही मार दिया जा रहा है. ताज़ा घटना गढ़वा में सामने आया है, पेश है एक ख़ास रिपोर्ट.
मैं बांझ ना कहलाऊं, मुझे ससुराल में लोगों से उलाहना ना सुनना पड़े इस खातिर महिलाएं खुद का गोद भरने यानी अपना भी एक बच्चा हो इसलिए वो पास के साथ-साथ दूर-दराज स्थित देवी देवताओं के दर पर माथा टेकती हैं.
उसके द्वारा भी कुछ ऐसा ही किया गया होगा तभी तो उसके गोद में एक बच्चा आया था. उसकी भी ममता जागी होगी लेकिन उसने तो उस ममता का गला घोंट दिया. उसने आज उसी बच्चे की हत्या कर दी.
गढ़वा जिला के रंका अनुमंडल मुख्यालय में बुधवार को एक ऐसी घटना घटित हुई जिसे जिसने भी देखा उसकी आंखें बरस पड़ीं. सबने देखा कि ममता देवी नामक एक मां और उसके बेटे अंकुश का शव पड़ा हुआ है. मालूम करने पर जानकारी हुई कि मां ने पहले दूध में जहर दे कर अपने बेटे को मार डाला. फिर खुद भी जान दे दी. ऐसा उसने क्यों किया इससे उसके ससुराल वाले भी पूरी तरह अनभिज्ञता ज़ाहिर कर रहे हैं.
आख़िर ऐसी कौन सी विवशता सामने आ गयी कि एक मां को खुद की जान देने से पहले कुमाता बन बेटे की हत्या कर दी. यह सवाल यक्ष प्रश्न बना हुआ है जिसका जवाब ढूंढने का प्रयास किया जा रहा है. मृत महिला के पड़ोस में रहने वाले लोगों की मानें तो वो भी इस घटना से पूरी तरह से स्तब्ध हैं. उनके द्वारा भी जानने का प्रयास किया जा रहा है कि एकाएक ऐसा क्या हुआ कि उसे खुद मरने के साथ-साथ बेटे को भी मारना पड़ा.
घटना की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की छानबीन शुरू कर दी. पुलिस के अनुसार यह मामला आत्महत्या का प्रतीत हो रहा है. पुलिस ने बताया कि महिला को उसका पति प्रताड़ित भी किया करता था. ऐसे में मामले की पड़ताल हर बिंदुओं को ध्यान में रख कर की जा रही है.