रांचीः झारखंड का तीन दिवसीय मानसून सत्र आरंभ हो चुका है. सत्र के पहले दिन 2584 करोड़ का अनुपूरक बजट सदन में पेश किया गया. सोमवार से मानसूत्र के हंगामेदार होने की संभावना जताई जा रही है. राज्य सरकार के खिलाफ जहां मुख्य विपक्षी दल बीजेपी ने तैयारी कर रखी है, वहीं माननीय विधायक भी अपने क्षेत्र की समस्या को लेकर गंभीर नजर आ रहे है.
बता दें कि कोरोना संक्रमण के इस काल में झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र आरंभ हो चुका है, सत्र के पहले दिन 2584 करोड़ का अनुपूरक बजट और 4 अध्यादेश समेत शोक प्रकाश के साथ स्थागित हुआ. सोमवार से मानसून सत्र के हंगामेदार होने की संभावना दिख रही है. राज्य सरकार के खिलाफ जहां मुख्य विपक्षी दल की अपनी तैयारी है. वहीं बात चाहे सत्ता पक्ष की हो या विपक्ष की, सदन के अंदर जनता के मुद्दे पर माननीय विधायकों की आवाज जरूर गूंजेगी.
वहीं, विधानसभा सत्र का उद्देश्य ही जनता के सवालों पर सरकार की राय जानना और उसका समाधान करना है. यही कारण है कि प्रश्नकाल के दौरान ही पक्ष और विपक्ष को आसन के समक्ष अपनी बात रखते का मौका मिलता है. अब जबकि राज्य सरकार ने कोरोना संक्रमण से लड़ते हुये विकास की गाड़ी को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है, तो सत्ता पक्ष के विधायक भी विकास योजना से लेकर सरकार के द्वारा जनता से किये गए वायदों को पूरा करने की मांग करने लगे है.
मानसून सत्र के आगाज के साथ सत्ताधारी दल ने बैठक कर सदन के अंदर और बाहर राज्य सरकार के काम-काज को मजबूती के साथ रखने का निर्णय लिया है. ऐसे में खुद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन विभागीय मंत्री के साथ बैठक कर योजनाओं को गति प्रदान करने और लंबित कार्य को समय अवधि के अंदर पूरा करने की अपील कर चुके है. राज्य सरकार के द्वारा सदन में पेश अनुपूरक बजट भी इसी ओर इशारा करता है.
सोमवार और मंगलवार को होने वाले मानसून सत्र में विधायी कार्य के अलावे प्रश्नकाल की तैयारी भी गई है. मुख्य विपक्षी दल ने विकास की रफ्तार, कोरोना काल, गिरती कानून व्यवस्था, राज्य सरकार की नीति, सहायक पुलिस कर्मियों के आंदोलन सहित कई मुद्दों पर राज्य सरकार को सदन में घेरने की तैयारी में है. वहीं मंगलवार को कोरोना काल पर विशेष चर्चा भी सदन में होनी है.