अजय लाल / न्यूज 11 भारत
रांचीः राज्य सरकार का खजाना खाली है. ऐसा आपने कई बार सुना होगा, लेकिन इस खाली खजाने को भरने के लिए ईमानदारी वाली कोशिश नहीं हो रही है. दरअसल, सरकार को बालू घाटों से एक बड़ी राशि राजस्व के रूप में हर साल प्राप्त हो सकती है. लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. जिस बालू के अवैध खनन से माफिया तत्व करोड़ों की उगाही कर रहे हैं उसी बालू से राज्य सरकार ने चालू वित्तिय वर्ष में (जनवरी 2021 तक) महज आठ करोड़ 39 लाख 50 हजार 545 रूपये का राजस्व प्राप्त किया. यह आकंड़ा सरकार को गरीब बनाए रखने के लिए काफी है. झारखंड राज्य खनिज विकास निगम के अधिकारी इन बातों की चिंता जरूर करते हैं लेकिन पहल वाली कोई कदम उनके द्वारा भी नहीं उठाया जा रहा है.
झारखंड राज्य खनिज विकास निगम के पास बालू घाटों की जो सूची है, उसमें 234 बालू घाटों का नीलामी और खनन की चर्चा है. लेकिन 218 बालू घाटों को डेड बालू घाटों की श्रेणी में डालकर कुछ मालदार अधिकारी बालू माफिया को दूसरे रास्ते से फायदा पहुंचा रहे हैं. मौजूदा वक्त में महज 16 बालू घाट से राज्य सरकार राजस्व प्राप्त कर रही है. खूटी में एक, गढवा में दो, गुमला में एक, सरायकेला खरसावां में एक, हजारीबाग में एक, कोडरमा में एक, चतरा में तीन, दुमका में एक, और देवघर में पांच बालू घाटों को चालू दिखाया गया है. आश्चर्यजनक रूप से वित्तिय वर्ष 2018 -2019 में खूंटी और गढ़वा को छोड़कर सभी बालू घाट से शून्य रुपया राजस्व के रूप में प्राप्त हुआ.
क्या कहते हैं अधिकारी
झारखंड राज्य खनिज विकास के बालू अधिकारी करूण कुमार कहते हैं कि उन्हें अभी एक साप्ताह पहले ही जिम्मेदारी दी गयी है. उनका मानना है कि डेड बालू घाटों को जीवित करना उनकी प्राथमिकता में शामिल है. उन्होंने कहा कि वे जल्द ही इस संबंध में सरकार के पास एक प्रस्ताव भेजेंगे जिसमें डेड बालू घाटों को जीवित करके उसे नीलामी प्रकिया से गुजारना शामिल होगा. उन्होंने कहा कि बालू खनन के संविदाकर्मी ऐसे बालू घाटों के प्रति दिलचस्पी दिखा रहे है जो कि अच्छी बात है.
अब आगे क्या
बालू घाटों को जीवित करने से अवैध खनन पर ना सिर्फ रोक लगेगी बल्कि सरकार को भी एक बड़ी राशि राजस्व के रूप में प्राप्त होगा. यह तभी संभव है जो झारखंड राज्य खनिज विकास निगम को एक पूर्णकालिक अधिकारी मिले जो इसकी चिंता कर सके. झारखंड राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष का पद वर्षो से खाली है. खान सचिव के श्रीनिवास को फिलहाल खनिज विकास निगम का प्रभार दिया हुआ है.