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अलविदा मिल्खा सिंह: देश को फ्लाइंग सिख पर था नाज, वह पहला सुपरस्टार जो दौड़ता नहीं उड़ता था

राजनेताओं ने इस तरह दी श्रद्धांजलि
अलविदा मिल्खा सिंह: देश को फ्लाइंग सिख पर था नाज, वह पहला सुपरस्टार जो दौड़ता नहीं उड़ता था

Milkha singh passed away: भारत के महान धावक मिल्खा सिंह का कोरोना से 91 साल की उम्र में निधन हो गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर शोक जताया है. बता दें, बीते दिन उनकी तबीयत काफी खराब हो गई थी उनका ऑक्सीजन लेवल भी काफी कम हो गया था. 91 साल के मिल्खा सिंह कोरोना संक्रमित होने के बाद अस्पताल में भर्ती किए गए थे जिसके बाद अब उनका निधन हो गया है. इसी हफ्ते मिल्खा सिंह की पत्नी निर्मल मिल्खा सिंह का कोरोना से 85 साल की उम्र में निधन हुआ है. मिल्खा सिंह उस वक्त पीजीआई अस्पताल के आईसीयू में भर्ती थे जिस कारण वो पत्नी के दाह संस्कार में शामिल नहीं हो सके थे.


देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिल्खा सिंह के निधन पर शोक जताया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि, “हमने एक महान खिलाड़ी को खो दिया है. भारतीयों के दिलों में मिल्खा सिंह के लिए खास जगह थी. उन्होंने लोगों को अपने व्यक्तिव से प्रेरित किया. मैं उनके निधन से मैं बहुत दुखी हूं.” वहीं, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने भी ट्वीट कर दुख जताया.


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मिल्खा सिंह ने 1956 के मेलबर्न ओलिंपिक में बिलकुल रॉ टैलंट के रूप में पहुंचे. उस साल उनका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा, लेकिन आने वाले वर्षों में मिल्खा ने न सिर्फ खुद को निखारा और तराशा बल्कि कई रेकॉर्ड भी अपने नाम किए. 200 मीटर और 400 मीटर के नैशनल रेकॉर्ड मिल्खा के नाम थे. हालांकि मिल्खा सिर्फ रोम ओलिंपिक के कारण ही महान नहीं थे. भारतीय ट्रैंक ऐंड फील्ड में मिल्खा की उपलब्धियां काफी अधिक हैं.


एशिया में चलता था मिल्खा का सिक्का


मिल्खा सिंह की पहचान एक ऐसे ऐथलीट के रूप में थी जो बेहद जुनूनी और समर्पित ऐथलीट के रूप में थी. 1958 के तोक्यो एशियन गेम्स में उन्होंने 200 मीटर और 400 मीटर में गोल्ड मेडल हासिल किया. मेलबर्न ओलिंपिक में मिल्खा फाइनल इवेंट के लिए क्वॉलिफाइ नहीं कर पाए थे, लेकिन उनमें आगे बढ़ने की तलब थी. उन्होंने अमेरिका के चार्ल्स जेनकिंस से बात की. जेनकिंस 400 मीटर और 4x400 मीटर रिले के गोल्ड मेडलिस्ट थे. उन्होंने जेनकिंस से पूछा कि वह कैसे ट्रेनिंग करते हैं. उनका रूटीन क्या है. जेनकिंस ने बड़ा दिल दिखाते हुए मिल्खा के साथ सारी बातें साझा कीं.


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एशियन गेम्स में बनाया था नैशनल रिकॉर्ड


मिल्खा की उम्र तब 27 साल थी. अगले दो साल वह बड़ी शिद्दत के साथ जेनकिंस के रूटीन पर चले. इसका फायदा भी हुआ. मिल्खा ने 1958 के एशियन गेम्स में नैशनल रेकॉर्ड बनाया. मिल्खा सिंह को 400 मीटर की दौड़ बहुत भाती थी. यहां उन्होंने 47 सेकंड में गोल्ड मेडल हासिल किया. सिल्वर मेडल जीतने वाले पाब्लो सोमब्लिंगो से करीब दो सेकंड कम वक्त लिया था मिल्खा सिंह ने.

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