मुजतबा हैदर रिजवी/न्यूज11भारत
जमशेदपुर/डेस्क: एमजीएम अस्पताल में हमेशा डॉक्टरों की लापरवाही की बात सामने आती है. अब यहां के डॉक्टरों ने एक नया कारनामा किया है. मरीज का जीवित व्यक्ति की जगह डेड सर्टिफिकेट बना दिया गया है. अब उक्त व्यक्ति डेड सर्टिफिकेट में सुधार के लिए दौड़ रहा है. तमोलिया के रहने वाले फियू हेंब्रम ने बताया कि 30 मार्च को उन्होंने अपने जीजा हालदार मार्डी को इलाज के लिए एमजीएम अस्पताल में भर्ती किया था. यहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. लेकिन डॉक्टरों ने हालदार मार्डी की जगह फियू हेंब्रम को कागज पर मृत घोषित करते हुए उन्हीं के नाम का डेड सर्टिफिकेट बना दिया. फियू हेंब्रम ने जब डेड सर्टिफिकेट देखा तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई.
अब वह खुद को जिंदा साबित करने और डेड सर्टिफिकेट में सुधार करने के लिए एमजीएम अस्पताल का चक्कर लगा रहे हैं. फियू हेंब्रम की मांग है कि मामले की जांच होनी चाहिए. जांच के बाद दोषी डॉक्टर पर कार्रवाई हो. इसके पहले भी आदित्यपुर के दो घायल एमजीएम अस्पताल में भर्ती हुए थे. इनमें से एक ठीक होकर डिस्चार्ज हो गया. जबकि दूसरे की मौत हो गई. डॉक्टरों ने जो घायल डिस्चार्ज हुआ था उसी का मृत सर्टिफिकेट बना दिया था. इसमें भी मरीज के परिजनों को काफी परेशानी हुई थी.