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सिमडेगा/डेस्क:-चैत्र नवरात्र के छठे दिन रविवार को ठाकुर टोली और सलडेगा पूजा पंडालो मे माता रानी की बेलवरण कर आह्वान किया गया.
नवरात्र पर परंपरा के अनुसार नवरात्रि की षष्ठी को बेल वृक्ष का पूजन किया गया. रविवार की संध्याकाल में पारंपरिक ढोल नगाडों के साथ पुरोहित और अराधक बिल्ववृक्ष के पास जाकर पूजन करते हुए वनदेवी को पंडाल में विराजमान होने का आमंत्रण दिया. सोमवार को महासप्तमी की सुबह चौंसठ योगिनियों को वाद्य यंत्रों के साथ निमंत्रण देकर पूजा पंडालों नवपत्रिका के रूप में स्थापित किया जाएगा. इस पूजा के महत्व के संबंध में पं. अमित मिश्रा ने बताया कि बेल षष्ठी के पूजन का बहुत महत्व है. शास्त्रों में बताया गया है कि राक्षसोंं का संहार करते समय जब मां दुर्गा चंडमुंड जैसे राक्षसों का वध कर रहीं थीं, उस समय उनके शरीर से निकलने वाले रक्त से हजारों राक्षस उत्पन्न हो जाते थे. इस दौरान मां दुर्गा ने चौंसठ योगिनियों का आह्वान किया. जो युद्ध भूमि में राक्षसों के शरीर से निकलने वाले रक्त को भूमि में गिरने से पहले ही पी जाती थीं. तब से इन चौंसठ योगिनियों के पूजन का विधान है.
ठाकुर टोली चैती दुर्गा पूजा पंडाल में पुरोहित की भूमिका आचार्य पं० अमित मिश्र एवम सह आचार्य अमित पाठक निभा रहे हैं. वहीं यजमान की भूमिका दिनेश कुमार मेहरा ने निभाई. देवी गुड़ी चैती दुर्गा पूजा पंडाल सलडेगा में पुरोहित की भूमिका आचार्य शिव कुमार पाठक और जजमान की भूमिका अशोक महतो निभा रहे हैं.