प्रमोद कुमार/न्यूज़11 भारत
बरवाडीह/डेस्क: पिछले दिनों बरवाडीह के छिपादोहर थाना क्षेत्र अंतर्गत केड़ पंचायत के मतनाग में एक बाल विवाह मामले में पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की. एक नाबालिग लड़की का विवाह पुलिस, जिला प्रशासन व स्वयंसेवी संस्थाओं को गुमराह करते हुए धोखे से करा दिया गया. इस मामले में बीडीओ बरवाडीह रेशमा रेखा मिंज के आदेश पर केड़ पंचायत के पंचायत सेवक सह बाल विवाह प्रतिषेध पदाधिकारी के आवेदन पर छिपादोहर थाने में बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के तहत मामला दर्ज किया गया है. जिसमे लड़की एवं लड़के के माता-पिता, चाचा समेत शामिल सभी बारातियों और रिश्तेदारों पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है.
क्या है मामला
दरअसल, चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 पर बाल विवाह होने की सूचना मिलने के बाद जिला बाल संरक्षण इकाई लातेहार, बाल कल्याण समिति लातेहार, चाइल्डलाइन लातेहार, बचपन बचाओ आंदोलन एवं स्वयंसेवी संगठन वैदिक सोसाइटी की टीम सक्रिय हुई. तुरन्त इसकी सूचना बाल विवाह प्रतिषेध पदाधिकारी सह बरवाडीह प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं छिपादोहर थाना प्रभारी को दी गई. विवाह 25 अप्रैल 2024 को होना था. इसके पूर्व बाल विवाह प्रतिषेध पदाधिकारी सह बरवाडीह बीडीओ रेशमा रेखा मिंज के नेतृत्व में छिपादोहर थाना प्रभारी धीरज कुमार सिंह के साथ बचपन बचाओ आंदोलन के जिला समन्वयक रविशंकर, चाइल्डलाइन समन्वयक जयमंगल पासवान, वैदिक सोसाइटी समन्वयक प्रेम प्रकाश एवं केड़ पंचायत के मुखिया अनीता देवी के साथ टीम बनाकर लड़की के घर पहुंचकर परिजनों को शादी नहीं कराने को लेकर समझाया गया. माता-पिता को बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के बारे में जानकारी दी गई. इसके साथ ही बच्ची के सारे कागजात लेकर शादी नहीं करने की बात कही. लेकिन दोनों पक्षों के परिजनों ने समझाने के बाद भी टीम को गुमराह करते हुए चोरी चुपके मेदिनीनगर स्थित रेडमा ठाकुरबारी मंदिर में बाल विवाह को संपन्न करा दिया.
परिजनों ने उम्र छिपाने का किया प्रयास
मामले में परिजनों ने नाबालिग लड़की का उम्र छिपाने का भी भरपुर प्रयास किया. उपलब्ध कराए गए उम्र संबंधित दस्तावेज में छेड़छाड़ कर प्रस्तुत किया गया. लेकिन बाद में बाल कल्याण समिति के हस्तक्षेप से बालिका के विद्यालय से उम्र का सत्यापन कराया गया, जहां बालिका की उम्र विवाह के लिए निर्धारित कानूनी उम्र 18 वर्ष से कम पाया गया. बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के तहत कार्रवाई की गई.
गुमराह कर एक दिन पहले ही बाल विवाह कराया
नाबालिक की शादी 25 अप्रैल को होनी थी. लेकिन परिजनों ने जांच टीम को गुमराह करते हुए निर्धारित तिथि से एक दिन पहले ही नाबालिक का बाल विवाह डाल्टनगंज के रेडमा ठाकुरबाड़ी मंदिर में जाकर देर शाम संपन्न करा दी और लड़की को उसके ससुराल भेज दिया. इसके पूर्व सुबह में जब बाल विवाह रोकने के लिए टीम लड़की के घर पहुंची तो परिजनों द्वारा बताया गया कि लड़की घर से भाग गई है. परिजनों द्वारा इस मामले में लिखित शिकायत भी दिया गया था. साथ ही बाल कल्याण समिति के नाम बाल विवाह नहीं करने का शपथ पत्र भी उपलब्ध कराया गया था. इसके बावजूद परिजनों ने कानून को ताक पर रखकर उक्त बाल विवाह को संपन्न कराया.
इस वर्ष 7 बाल विवाह होने से बचाया गया है
इधर बचपन बचाओ आंदोलन के जिला समन्वयक रविशंकर ने बताया कि नोबेल पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी के नेतृत्व में बाल विवाह मुक्त भारत अभियान पूरे देश में चलाया जा रहा है. बाल विवाह होने की संभावना मई महीने में अक्षय तृतीया के अवसर पर बड़े पैमाने पर बनी रहती है. जिसके मद्देनजर रखते हुए जिला प्रशासन और बाल संरक्षण इकाई, चाइल्डलाइन और वैदिक सोसाईटी साथ समन्वय बनाकर बाल विवाह के प्रति लोगों को जागरूक करने का कार्य किया जा रहा है. साथ ही बाल विवाह नहीं हो सके इसके लिए सामूहिक प्रयास किया जा रहा है. अब तक लातेहार जिला में इस वर्ष 7 बाल विवाह रोके गए हैं, और लड़कियों को बालिका वधु होने से बचाया गया है.