रांचीः राज्य के शैक्षणिक संस्थानों में 57000 एनएसएस के कैडेट्स सामाजिक सेवा में लगातार काम करते रहते हैं. रांची विश्वविद्यालय में 1980 ईस्वी से एनएसएस के कैडेट्स पढ़ाई के साथ साथ सोशल एक्टिविटीज में आगे रहते आए हैं.
एनएसएस यानी राष्ट्रीय सेवा योजना की शुरुआत इसलिए की गई थी. पठन-पाठन के साथ कॉलेज में पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं बौद्धिक विकास बेहतर तरीके से हो झारखंड के सबसे पुराने विश्वविद्यालय रांची विश्वविद्यालय के साथ-साथ लगभग 9 विश्वविद्यालयों में एनएसएस के कार्यकर्ता हमेशा सामाजिक सेवा में सहयोग करते हैं, साथ-साथ राष्ट्रहित देश हित सामाजिक हित के कार्यों में जन जागरूकता को लेकर सदैव आगे रहे हैं. राष्ट्रीय सेवा योजना के कैडेट्स राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बनाए हैं. 8 मार्च यानी अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को लेकर एनएसएस की तरफ से कई कार्यक्रमों का आयोजन होने जा रहा है.
कोरोना संक्रमण काल में या फिर रोड सेफ्टी अभियान में और ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक सेवा करने में रांची विश्वविद्यालय के साथ-साथ पूरे प्रदेश के कैडेट्स कई कार्यक्रमों को लगातार करते रहे हैं, राज्य के 57000 कैडेट्स सामाजिक सेवा में आगे रहे हैं. डॉ ब्रजेश कुमार, स्टेट कोऑर्डिनेटर, राष्ट्रीय सेवा योजना झारखंड के हैं. उनका कहना है राष्ट्रीय सेवा योजना हमेशा सामाजिक सेवा के कार्यों में तत्पर रहता है.
को-वैक्सीन के अभियान में भी राष्ट्रीय सेवा योजना के कैडेट्स आगे आकर लोगों की मदद करना चाहते हैं, राष्ट्रीय सेवा योजना ने झारखंड में युवाओं को एक सही दिशा देता रहा है और यही वजह रही है राष्ट्रीय स्तर पर झारखंड के कैडेट्स की अपनी अलग एक पहचान है.