रांची : लालू यादव सियासत का वो हस्ताक्षर हैं, जिसके एक इशारे पर पूरे भारत की सत्ता हिलती थी और बिहार की सियासत की धूरी. तब ही नहीं आज भी जब बाहर थे तब भी और आज जब सजायाफ्ता होकर रिम्स में इलाजरत हैं तब भी. शायद लालू के लिये डिक्शनरी में वो शब्द बना ही नहीं जो उनके सियासी कद को माप सके.
एक तरफ 8 सदस्यीय डॉक्टरों की टीम ये तय कर रही है कि लालू को एम्स भेजा जाना चाहिये या नहीं. मनोरोग चिकित्सक का लालू के मेडिकल बोर्ड में होना भी हमारी बात की पुष्टि करता है. कार्डियोलॉजी, यूरोलॉजी,मेडिसिन, ऑर्थोपैडिक्स,ऑपथैलमोलॉजिस्ट के साथ-साथ सायकाइट्री के डॉक्टर लालू को परामर्श भी देंगे और ये भी तय करेंगे कि लालू को एम्स भेजा जाये या नहीं. पर लालू खुद एम्स नहीं जाना चाहते.
एकाकी जीवन बड़ा बोझ रहता है और फिलहाल सजा काट रहे लालू से बेहतर ये कौन जान सकता है. लेकिन इतना तय है कि समाजवाद के सबसे सशक्त हस्ताक्षर लालू डॉक्टरों की निगहबानी में हैं..और डॉक्टरों का ये समूह ही तय करेगा की उन्हें बेहतर इलाज के लिये एम्स रेफर किया जाये या नहीं.