Inter Admission 2021 Jharkhand Board रांची: देश में कोरोना का कहर लगातार जारी है. ऐसे में इस महामारी का असर सबसे ज्यादा शिक्ष जगत पर देखने को मिला. ऐसे में 11 महीने बाद मैट्रिक और इंटर का रिजल्ट जारी तो हुआ, लेकिन इस साल जैक के विद्यार्थियों के लिए परेशानी बढ़ा दिया है. राज्य में इस साल इंटर में नामांकन के लिए कट ऑफ माक्र्स बढ़ेगा. ऐसे में छात्रों के लिए इंटर में नामांकन करना आसान नहीं हो पायगा.
दरअसल, पिछले वर्ष कुल 2.89 लाख पास हुए थे, वहीं इस वर्ष 2.70 लाख विद्यार्थियों ने सिर्फ फर्स्ट डिवीजन हासिल किये हैं. पिछले वर्ष की तुलना में इस बार 1.20 लाख अधिक विद्यार्थियों को 60 फ़ीसदी से अधिक अंक मिला है. पिछले 10 वर्षों में देखा जाये, तो इससे पहले वर्ष 2014 में सबसे अधिक 3.60 लाख परीक्षार्थी मैट्रिक की परीक्षा में सफल हुए थे.
2020 में 16 फीसदी की हुई थी बढ़ोत्तरी
ऐसा नहीं है कि राज्य में मैट्रिक रिजल्ट के प्रतिशत में पहली बार बढ़ोतरी हुई है. वर्ष 2020 के रिजल्ट को ही देखा जाये, तो वर्ष 2018 की तुलना में 16 फ़ीसदी अधिक विद्यार्थी परीक्षा में सफल हुए. रिजल्ट में 16 फ़ीसदी की बढ़ोतरी के बाद भी 2020 में मैट्रिक पास करनेवाले विद्यार्थियों की संख्या में मात्र 35 हजार की बढ़ोतरी हुई थी. इस वर्ष पिछले वर्ष की तुलना में रिजल्ट में 20 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई है, लेकिन पास करनेवाले विद्यार्थियों की संख्या 1.26 लाख अधिक है.
मैट्रिक परीक्षा 2020 में 2.89 परीक्षार्थी सफल हुए थे. पिछले वर्ष जितने परीक्षार्थी मैट्रिक में सफल हुए थे, लगभग उतने परीक्षार्थी इस वर्ष सिर्फ फर्स्ट डिवीजन से परीक्षा पास हुए हैं. इस वर्ष 2.70 लाख परीक्षार्थी फर्स्ट डिवीजन से पास हुए हैं. वहीं वर्ष 2018 की तुलना में देखा जाये, तो वर्ष 2018 में कुल 2.55 लाख विद्यार्थियों की तुलना में इस वर्ष सिर्फ फर्स्ट डिवीजन से पास करनेवाले विद्यार्थियों की संख्या लगभग 15000 अधिक है. इस वर्ष एक लाख से अधिक विद्यार्थियों को मैट्रिक में 75 फ़ीसदी से अधिक अंक मिले हैं.