गुमला: एक ओर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा दे रहे हैं. वहीं दूसरी ओर बेटी को जन्म देने के कारण महिला को ससुराल वालों ने प्रताड़ित कर मायके भेजने को मजबूर कर दिया. हद तो तब हो गई जब पीड़ित महिला पूजा बड़ाइक की पति पवन बड़ाईक, उसकी सास और एक अन्य व्यक्ति ने शादी में मिले दहेज का सामान लेकर उसका मायका गुमला के करमटोली पहुंच गए और दहेज का सामान घर के बरामदा में वापस रखवा दिया.
हो हंगामा होने पर घटना की जानकारी गुमला थाना पुलिस को दी गई. पुलिस ने पवन बड़ाईक और उसकी मां को पीसीआर वैन में बिठाकर थाना ले आयी. इधर पीड़िता पूजा बड़ाईक ने अपनी शादी, बच्ची को जन्म देने से लेकर से अब तक के पूरे घटना क्रम की जिक्र करते हुए लिखित शिकायत गुमला महिला थाना में की और न्याय की गुहार लगायी है. महिला थाना में दिए गए शिकायत में पीड़िता ने कहा है कि उसकी शादी सामाजिक रीतिवाज से हुई है. जब वह रांची महिला कालेज में पढाई करती थी. तभी अरगोड़ा चौक पीपरटोली के पवन बड़ाईक से जान पहचान हई. शादी का प्रलोभन देकर उसके साथ शारीरिक संबंध भी बनाया.
जब वह गर्भवती हो गई तब पवन बड़ाईक के माता पिता और मेरे माता पिता के बीच बात तय हुआ और सामाजिक रीति रिवाज से उसकी शादी 30 जून को हो गई. शादी के दौरान सात लाख रुपये नगद, एक लाख का जेवर और घरेलू सामान भी दहेज में दिया था. ससुराल में 15 दिनों के बाद से ही उसका प्रताड़ना आरंभ हो गया. उसे चरित्रहीन का उलाहना देने लगे, पति और सास मारपीट करने लगे. प्रसव पीड़ा के कारण उसे आस्था मेडकिल अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां 20 नवंबर को एक बच्ची को जन्म दी. बेटी को जन्म देने के कारण सास-ससुर और पति यह कहकर गाली गलौज करने ले कि बेटा के जगह बेटी को जन्म दिया है. अब तुम इस घर में नहीं रहेगी. वह जान बचाकर अपने मायके करमटोली आ गयी. रविवार को उसके पति, सास और एक अन्य व्यक्ति एक 407 ट्रक में दहेज का सामान मोटरसाइकिल सहित लेकर उसका मायका आ गए और सामान उसके घर के बाहर रखवा दिया. पीड़िता ने महिला थाना में न्याय की गुहार लगायी है.