रांचीः रसगुल्ला का नाम सुनते ही मुंह में पानी आ जाता है, लेकिन सुगर के मरीज इसे खाने से परहेज करते है. ऐसे में अगर ये कहा जाए कि रसगुल्ला आपकी सेहत के लिए फायदेमंद है और इसे मधुमेह के मरीज भी से बेझिझक खा सकते हैं तो इस पर यकिन करना थोड़ा मुश्किल है. ऐसे में कोरोना के इस घड़ी में इम्यूनिटी बूस्टर बढ़ाना उतना ही जरूरी है. ऐसे में ये रसगुल्ला आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा सकेती है. ये काम अपर चुटिया के कमल अग्रावल ने कर दिखाया है. जिसमें कई प्रकार के फल और सब्जियों का इस्तेमाल कर इम्यूनिटी बूस्टर रसगुल्ला बनाया गया है.
इनका दावा है कि इन रसगुल्लों में फलों और सब्जियों के जितना ही पोषक तत्व है. इसके साथ ही शुद्ध दूध से बने छेना की ताकत भी खाने वाले को मिलती है. इससे शरीर की इम्यूनिटी अपने आप ही बढ़ने लगती है. इसके साथ ही कमल कुमार करेले और हरी मिर्च के फ्लेवर का भी रसगुल्ला बनाते हैं. रांची के बाजार में फल और सब्जियों के गुण से भरे रसगुल्ले को काफी पसंद किया जा रहा है.
उन्होंने बताया कि इस विशेष प्रकार के रसगुल्ले को बनाने का आइडिया उन्हें लॉकडाउन के दौरान आया. उन्होंने बताया कि इन रसगुल्लों को बनाने के लिए हर फल या सब्जी के फ्लेवर का इस्तेमाल किया जाता है. सबसे पहले उनका पल्प निकालकर उसे छेना में मिलाया जाता है. इसके बाद उसे आम रसगुल्ले की तरह ही तैयार किया जाता है. पल्प की मात्रा इतनी रखी जाती है कि केवल उसका फ्लेवर आए. इन रसगुल्लों को बिना फ्रीज के 24 घंटों तक इस्तेमाल किया जा सकता है.
कमल अग्रवाल बताते हैं कि हाल के दिनों में च्वणप्राश के रसगुल्लों की मांग काफी ज्यादा बढ़ी है. इन रसगुल्लों में कई प्रकार के मसालों को खजूर के पल्प में मिलाकर रसगुल्ले के अंदर भरा जाता है. इसके बाद एक खास तापमान पर गर्म चीनी की चाशनी में इसे डूबा कर रखा जाता है.
उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस के दौर में लोग रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए तमाम चीजें कर रहे हैं. ऐसे में मिठाई केवल स्वाद के लिए नहीं बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी होनी चाहिए. उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में मिठाई को लेकर अपने नए प्रयोग जारी रखेंगे.