न्यूज11 भारत
रांची/डेस्कः 22 अप्रैल को हर साल विश्व पृथ्वी दिवस (World Earth Day) मनाया जाता है. यह दिन विशेष है जब हम हर दिन बढ़ते प्रदूषण, ग्लोबल वार्निंग और क्लाइमेट चेंज के बारे में चर्चा करने और इस दिशा में विशेष कदम उठाने का विशेष ध्यान देते हैं इसी कड़ी रांची के बाल सुधार गृह के नोडल पधाधिकारी कर्नल जेके सिंह और बच्चो ने अनोखी पहल की शुरूआत की है. जिसमें इस वर्ष पृथ्वी दिवस (Earth day) का उद्देश्य प्लास्टिक यानी प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने के लिए प्रयास पर आधारित है प्लास्टिक का उपयोग कम करने, पुनः उपयोग करें और पुर्नचक्रण के सिद्धांतों को सीखने के लिए प्रेरित किया गया है.
थैले को जमीन पर दफनाने से निकल आएगा नया पौधा
पृथ्वी दिवस के अवसर पर बाल सुधार गृह के बच्चों को प्लास्टिक के थैले की जगह..कागज का थैला और कागज का कैरी बैग बनाने के गुर सिखाये गए. लेकिन बच्चों को जिस तरह के कागज के थैले और विशेष कागज के कैरी बैग बनाना सिखाया गया है उसकी एक अलग ही खासियत थी. दरअसल, अगर आप इस कैरी बैग का उपयोग करते हैं और जब यह फट जाता है या खराब हो जाता है तो आप इसे फेंकने के बजाय जमीन पर अगर नीचे गाड़ या दफना देंगे. और उसपर आप नियमित रुप से पानी देंगे तो उस थैले या कैरी बैग से एक नया हरा-भरा पौधा निकल आएगा.
जानें थैलों को दफनाने से किन वजहों से निकल आएंगे पौधे
थैले को दफनाने के पश्चात आपको वहां गुलमोहर, नीबू या बेल का एक नन्हा पौधा निकलता हुआ नजर आएगा. इसी प्रकार अन्य Medicinal Plant बनाया जा सकता है. एलोवेरा या अश्वगंधा के पौधे भी इस थैले से उगाया जा सकता है दरअसल, इन कागज के थैले के आधार क्षेत्र में गुलमोहर, नींबू और बेल पेड़ के बीज रखे गये हैं. इसी प्रकार Medicinal Plant का बीज भी रखा जा सकता है. यह पूरा कार्य कर्नल जेके सिंह के नेतृत्व में सैप-2 बटालियन के बाल सुधार गृह के सुरक्षा कर्मियों और बच्चो के द्वारा तैयार किया गया है. ऐसे नवीनतम प्रयोग न केवल बच्चों में रुचि बढ़ा रही है बल्कि इनसे एक ऐसी विद्या में पारंगत कर रही है जो आने वाले दिनों में इनकी आय का स्त्रोत भी बन सकती है.