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बोकारो/डेस्क:हिन्दू नववर्ष की शुरुआतचैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से प्रारंभ हो गया. इसके साथ ही चैती/वासंती दुर्गा पूजा का भी प्रारंभ होता है. मंगलवार को बोकारो के विभिन्न गांवों में चैती दुर्गा पूजा की शुरुआत से भक्ति का वातावरण बनाने लगा है. तुपकाडीह, टांड़ बालीडीह सहित अन्य कई क्षेत्रों में होने वाले इस पूजा को लेकर उत्साह का माहौल है. तुपकाडीह स्थित वासंतिक नवरात्र लगभग 55 वर्षों से हो रहा है. जो मंदिर कभी अड्डा नामक गांव में हुआ करता था. 1967-78 के करीब बीएसएल प्रबंधन निमार्ण के दौरान विस्थापित हुआ. इसके बाद से तुपकाडीह में मंदिर बनाकर यहां वासंतिक दुर्गा पूजा की परंपरागत का आगे बढ़ाया जाता रहा. लगभग यही कहानी टांड़ बालीडीह क्षेत्र की है, जो एक विस्थापित गांव है.
नवमी को मंदिर प्रांगण से निकलता है रामनवमी जुलूस-
वासंतिक दुर्गा पूजा के नवमी के दिन कई स्थानों से रामनवमी जुलूस निकाला जाता है. इस जुलूस में हथियार से लैस खिलाड़ी हैरतअंगेज करतब दिखाते हैं.