प्रशांत शर्मा/न्यूज़11 भारत
हजारीबाग/डेस्क: इचाक प्रखंड के मठ मंदिरों की भूमि पर भूमाफियाओं का अवैध कब्जा का मामला हमेशा से सुर्खियों में रहा है. इसी बीच प्राचीन मंदिर भगवती मठ में बीते माह कई बार ग्रामीण और भूमि खरीद बिक्री कताओं के बीच कई बार विवाद उत्पन्न होने का मामला देखा गया. जिस बाबत ग्रामीणों के द्वारा हाईकोर्ट में भूमि को संरक्षित व मंदिर को सुरक्षित करने के उद्देश्य से हाई कोर्ट में पी आई एल दर्ज किया गया. जिसका संख्या 3821/2022 है. इसमें याचिका कर्ता गजेंद्र कुमार बनाम झारखंड राज्य और अन्य को प्रतिवादी बनाया गया है. उक्त मामले में न्यायालय की ओर से हजारीबाग उपायुक्त को 25 हजार रुपए अधिवक्ता संकल्प एवं विकास निधि झारखंड उच्च न्यायालय में जमा करने का निर्देश दिया गया. झारखंड उच्च न्यायालय रांची की ओर से न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद माननीय न्यायमूर्ति अरुण कुमार राय कोर्ट में सुनवाई चल रही है. इस बीच उच्च न्यायालय के ऑर्डर नंबर 7 दिनांक 28/4/22 के आलोक में यह निर्देश पारित किया गया है.
जिसके ऑर्डर शीट में लिखा है कि यह एक और मामला है, जहां इस द्वारा पारित निदेशों के बावजूद न्यायालय ने दो बार अर्थात 12/03/2024 और 03/04/2024 को कोई जवाबी हलफनामा दाखिल नहीं किया है. अभी तक कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुए है. हालांकि, मृणाल कांति रॉय, विद्वान जीएक द्वारा प्रस्तुत किया गया है कि उपरोक्त आदेश, यद्यपि ज्ञापन संख्या 4229 दिनांक 13/03/2024 और ज्ञापन संख्या 5077 दिनांक 04/04/2024 द्वारा संप्रेषित किया गया है. लेकिन इस न्यायालय ने इस तथ्य पर विचार करते हुए कि हलफनामा आवश्यक है, इसलिए 12/03/2024 को व्यापक प्रतिक्रिया दाखिल करने के लिए आदेश पारित किया. इसलिए यह विचार है कि समय दिया जाना चाहिए. रुपये की लागत जमा करने के अधीन दो सप्ताह का समय दिया जाता है.