आजसू कहां है? क्या आजसू क्वारंटीन है?
ये हम नहीं पूछ रहे....ये जनता पूछ रही है...हुजूर विधानसभा चुनाव के बाद से ही ग्राउंड जीरो से आजसू कार्यकर्ता नदारद हैं. कोरोना के इस काल में भले ही कोरोना संदिग्धों को क्वारंटीन किया जा रहा है, पर आजसू तो विधानसभा चुनाव के बाद ही क्वारंटीन हो गयी. अबकी बार गांव की सरकार का नारा देनेवाली पार्टी के मुख्यालय का शटर तो अनलॉक में भी लॉक ही नजर आ रहा है. यकीन न हो तो वीडियो में देख लिजिये कि ताका झांकी तो है पर शटर डाउन ही है.
देश तो अनलॉक हो गया पर अब भी आजसू कार्यालय का शटर डाउन है. जिसपर सियासी दलों की अलग अलग प्रतिक्रिया है. चुनाव के बाद आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो सिल्ली से लेकर विधानसभा सत्र तक एक्टिव नजर आये. सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी भी दिल्ली से गिर्डीह तक एक्शन में दिखे. लेकिन यहां बात सेकेंड लाइन में खड़े नेताओं और जमीनी कार्यकर्ताओं की है, जो सच में लग रहा कोरोना काल से पहले ही क्वारंटीन हो गये. इस पूरे कोरोना काल में हर छोटी बड़ी पार्टी के कार्यकर्ता सड़क पर नजर आये. पर केला सिर्फ बंटता ही दिखा. सड़क पर अपने निशान के साथ उतरता नहीं दिखा. अब देखना है कि ये क्वारंटीन पीरियड रहता कब तक है.