उत्तर प्रदेश के हाथरस केस में आज इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में सुनवाई होनी है. पीड़ित परिवार सुबह लखनऊ रवाना हो गया है. इससे पहले उन्होंने रविवार रात लखनऊ जाने से मना कर दिया था. पीड़ित के भाई ने कहा कि रात में हमारे साथ कुछ भी हो सकता है. हमें प्रशासन पर भरोसा नहीं है। हाईकोर्ट ने इस मामले में 1 अक्टूबर को खुद नोटिस लिया और हाथरस के डीएम, एसपी समेत शीर्ष अफसरों को भी तलब किया.
इससे पहले शनिवार को सीबीआई ने यह केस टेकओवर कर लिया. केंद्रीय जांच एजेंसी ने रविवार को मुख्य आरोपी संदीप के खिलाफ धारा 307, 376 डी, 302, एससी/एसटी एक्ट की धारा 3 तहत केस दर्ज कर लिया है. मामले की जांच लखनऊ यूनिट की गाजियाबाद की टीम करेगी.
सीबीआई ने पुलिस से सभी दस्तावेज मांगे हैं. 3 अक्टूबर को सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी और डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने हाथरस में पहुंचकर पीड़ित परिवार से मुलाकात की थी। इसके बाद सीबीआई जांच की सिफारिश की गई थी.
परिवार और गवाहों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
हाई कोर्ट में सरकार की तरफ से विनोद शाही पैरवी करेंगे. परिवार के हर सदस्य और गवाहों की सुरक्षा के लिए 2-2 सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं. परिवार की महिला सदस्यों के लिए महिला सुरक्षाकर्मी की तैनाती की गई है. परिवार की मुलाकात भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कराए जाने की चर्चा है, लेकिन अभी इसकी कोई पुष्टि नहीं की गई है.
क्या है पूरा मामला?
हाथरस में 14 सितंबर को 4 लोगों ने कथित रूप से 19 साल की लड़की के साथ गैंगरेप किया था. यह भी आरोप है कि उसकी रीढ़ की हड्डी तोड़ दी और जीभ भी काट दी थी. दिल्ली में इलाज के दौरान 29 सितंबर को पीड़ित की मौत हो गई. चारों आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए हैं. हालांकि, पुलिस का दावा है कि दुष्कर्म नहीं हुआ था.