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रांची/डेस्कः राज्य के जिलों में शराब के होलसेल और रिटेल टेंडर में गड़बड़ी से संबंधित याचिका पर हाईकोर्ट में आज सुनवाई हुई. राज्य सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने अपना पक्ष रखा. कपिल सिब्बल ने कोर्ट से कहा कि हाईकोर्ट द्वारा मामले में लिए गए स्वत संज्ञान के खिलाफ राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल की है. इसलिए समय दिया जाए. मामले में अगली सुनवाई के लिए कोर्ट ने अब 30 अप्रैल की तिथि निर्धारित की है.
बता दें, मामले में पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की हस्तक्षेप याचिका को स्वीकृत करते हुए केस से प्रार्थी उमेश कुमार और उनके अधिवक्ता राजीव कुमार का नाम हटाते हुए मामले में स्वतं संज्ञान लिया था. राज्य सरकार की ओर से आईए दाखिल कर कहा गया था कि इस केस के प्रार्थी और उनके अधिवक्ता राजीव कुमार का क्रेडेंशियल सही नहीं है इसलिए इन दोनों का नाम इस केस से हटाया जाए.
इससे पहले सुनवाई के दौरान प्रार्थी के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया गया था कि राज्य के जिलों में शराब के होलसेल टेंडर में शामिल होने के लिए 25 लाख रुपए नन रिफंडेबल राशि तय की गई थी. लेकिन जिलों में शराब के होलसेल और रिटेल का टेंडर लेने के लिए कोलकाता से झारखंड के 3 जिलों में अलग-अलग खातों में करोड़ों रुपए भेजे गए थे. जिन कंपनियों के खाते में रुपए भेजे गए थे उन खाते में मात्र 2-4 हजार रुपए हुआ करता था. उसी खाते से सारा पैसा राज्य के अन्य जिलों में शराब के होलसेल के टेंडर के लिए 25 -25 लाख रुपया जमा करने में इस्तेमाल हुआ था. कोलकाता से भेजे गए पैसों का इस्तेमाल शराब माफिया की ओर से झारखंड के सभी जिलों में शराब के होलसेल का टेंडर लेने के लिए किया गया था. जिसको लेकर प्रार्थी ने जांच कराने का आग्रह कोर्ट से किया था.