विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) पोलियो उन्मूलन के लिए हमेशा प्रयासरत रहा है और हर साल इस लक्ष्य के करीब पहुंचता रहा है. डब्ल्यूएचओ ने लोगों को जागरूक करने के लिए जो कदम उठाए हैं उससे हर व्यक्ति पोलियो को खत्म करने में मदद कर सकते हैं. पोलियो के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए, हर साल 24 अक्तूबर को विश्व पोलियो दिवस पूरे विश्व में मनाया जाता है. पोलियो को कभी एक अत्यंत सामान्य संक्रामक बीमारी के रूप में जाना जाता था जिसने दुनिया भर में लाखों बच्चों के जीवन को बाधित किया था.
झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने ट्वीट कर कहा कि आज विश्व पोलियो दिवस के अवसर पर हम प्रण ले कि पोलियो के प्रति जागरूकता फैलाने व बच्चो के टीकाकरण करवाने हेतु लोगों को प्रेरित करेंगे. राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग पोलियो रोकने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं.
24 अक्टूबर को क्यों मनाया जाता है पोलियो दिवस विश्व पोलियो दिवस हर साल 24 अक्तूबर को जोनास साल्क के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है, जो अमेरिकी वायरोलॉजिस्ट थे. जिन्होंने दुनिया का पहला सुरक्षित और प्रभावी पोलियो वैक्सीन बनाने में मदद की थी. डॉक्टर जोनास साल्क ने साल 1955 में 12 अप्रैल को ही पोलियो से बचाव की दवा को सुरक्षित करार दिया था और दुनिया के सामने प्रस्तुत किया था. एक समय यह बीमारी सारी दुनिया के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई थी और डॉ. साल्क ने इसके रोकथाम की दवा ईजाद करके मानव जाति को इस घातक बीमारी से लड़ने का हथियार दिया था, लेकिन 1988 में ग्लोबल पोलियो उन्मूलन पहल (GPEI) की स्थापना की गई. यह पहल विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ), रोटरी इंटरनेशनल और अन्य जो पोलियो उन्मूलन के लिए वैश्विक स्तर पर दृढ़ संकल्प थे, उनके द्वारा की गई.