झारखंडPosted at: जुलाई 11, 2020 हजारीबाग : रिंग रोड के लिए जमीन अधिग्रहण में पेंच, उचित मुआवजा नहीं मिलने और जटिल प्रक्रिया से ग्रामीण परेशान
सरकारी बाबूओं का चक्कर लगाकर परेशान ग्रामीण अब जमीन नहीं देने के मूड में
हजारीबाग : हजारीबाग के कटकमदाग प्रखंड के रेवाली गांव में रिंग रोड के लिए ग्रामीणों की जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है. ग्रामीण रिंग रोड के लिए अपनी जमीन देने को भी तैयार हैं, मगर जमीन अधिग्रहण की जटिल प्रक्रिया और अधिकारियों की मनमानी से ग्रामीण परेशान है. ग्रामीणों का कहना है कि रिंग रोड के लिए जमीन के अधिग्रहण में सौतेला व्यवहार किया जा रहा है. दूसरे गांव मसरातू के लोगों को प्रति कट्ठा रेवाली गांव से डेढ़ गुना ज्यादा रेट दिया जा रहा है. वहीं रेवाली गांव के ग्रामीणों को उनके जमीन के एवज में सिर्फ 4 लाख रुपये प्रति कट्ठा के आसपास रेट दिया जा रहा है.
ग्रामीणों का कहना है कि मुआवजा राशि के लिए वे लोग कानूनी प्रक्रिया से अपनी लड़ाई लड़ेंगे, मगर भूमि अधिग्रहण की जटिल प्रक्रिया और अधिकारियों के व्यवहार से वे लोग थक चुके हैं. जमीन लेने की प्रक्रिया के लिए उनलोगों को बार-बार सरकारी कर्मचारी के द्वारा दौड़ाया जा रहा है. कभी अंचल कार्यालय तो कभी भूमि अधिग्रहण से संबंधित अधिकारी के पास उन्हें भेजा जा रहा है. सरकारी बाबूओं का चक्कर लगाकर ग्रामीण अब थक चुके हैं और गोलबंद होने लगे हैं. स्थानीय मुखिया धीरज कुमार का कहना है कि रिंग रोड निर्माण के लिए किये जाने वाले जमीन के समीप ही कैंप लगाकर ग्रामीणों के साथ वार्ता कर जमीन मालिकों को उनकी जमीन का उचित मुआवजा दिया जाए. ऐसा नहीं करने पर ग्रामीण अब जमीन नहीं देने की भी बात कर रहे हैं.