प्रशांत शर्मा/न्यूज़11 भारत
हजारीबाग/डेस्क: चौपारण थाना क्षेत्र के ग्राम पडरिया में गुप्त सूचना के आधार पर सुनसान स्थान पर सड़क किनारे झाड़ियों में छीपाकर भारी मात्रा में अवैध स्प्रिट, ढक्कन, स्टीकर एवं लेबल (रैपर) सप्लाई करने हेतु रखा गया था, जिसे चारपहिया वाहन में लोडकर बिहार ले जाने की योजना थी. उक्त सूचना पर छापामारी दल का गठन कर पड़रिया गांव के सुनसान स्थान पर पहुंचकर क्षेत्र की तलाशी के क्रम में सड़क से करीब 20 गज दूरी पर झाड़ियों में छीपाकर रखा 05 प्लास्टिक का गिलन में स्प्रिट बरामद हुआ, जिसे खोलकर देखने पर सभी में करीब 50-50 लीटर करीब 250 लीटर अवैध स्प्रिट भरा हुआ पाया गया.
वहीं एक बड़ी प्लास्टिक के बोरी में एक शराब की कम्पनी का नकली ढक्कन करीब 2500 पीस, व स्टीकर (लेबल रैपर) करीब 2500 पीस तथा झारखण्ड सरकार द्वारा निर्गत किया जाने वाला नकली निर्मित बारकोड 1500 पीस बरामद हुआ. जिसे विधिवत् जब्ती सूची बनाकर जब्त किया गया. जांच के क्रम में पता चला कि उक्त बरामद सामानों को बिहार ले जाने की तैयारी थी. जिससे नकली शराब बनाकर बिक्री करके अधिक मुनाफाखोरी किया जाता.
इस संदर्भ में चौपारण थाना काण्ड संख्या-157/24 धारा-272/273/290/406/420 भादवि 47 (ए) उत्पाद अधि०, 63/65 कॉपी राईट एक्ट धारा-272/273/290/406/420 भा०द०वि०, 47 (ए) उत्पाद अधि, 63/65 कॉपी राईट एक्ट के अंतर्गत दर्ज किया गया. थाना प्रभारी दीपक कुमार सिंह ने बताया कि बरामद सामानों का तस्करी करने वाले अज्ञात अभियुक्त का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है. छापामारी दल में पुअनि दीपक कुमार सिंह, थाना प्रभारी, चौपारण पुअनि निलेश कुमार रंजन, चौपारण थाना और चौपारण थाना सशस्त्र बल शामिल थे.
चलंत अवैध शराब की फैक्ट्री ने उत्पाद विभाग की भी खोली पोल
चौपारण में चलंत फैक्ट्री का उद्भेदन पुलिस ने कर उत्पाद विभाग को भी कठघरे में ला खड़ा किया है. जिस उत्पाद विभाग पर राजस्व संग्रहण की बडी जवाबदेही होती है, जिसके शराब की बोतल पर बकायदा झारखंड सरकार के बारकोड होते है. उस बारकोड की भी शानदार डुप्लीकेसी कई सालों से हो रही है. उत्पाद विभाग सोया रहता है और चुनाव के इस माहौल में बड़ी मात्रा में नकली शराब बनता रहता है. हर कार्रवाई के बाद दोगुना गति से शराब निर्माण बढता है .