अजय लाल/न्यूज11 भारत
रांचीः इश्क़ के बारे में कहा गया है- यह आग का दरिया है और डूब के जाना है, लेकिन कुछ लोग मोहब्बत के दरिया में इस क़दर जल जाते हैं कि न सिर्फ़ ख़ुद को बल्कि पूरे परिवार को भी बर्बाद कर डालते हैं. कुछ ऐसी ही कहानी राजधानी रांची के रॉक गॉर्डन के पास रहने वाले सतेंद्र चौधरी की है. सतेंद्र चौधरी केंद्र सरकार के अधीन एक प्रतिष्ठान में नौकरी करते थे. उनका इकलौता बेटा सत्य राज इंजीनियर बनने के लिए बैंगलोर गया था. पिता को लगा कि बेटा सपना पूरा करके वापस रांची लौटेगा लेकिन जब बेटा जब घर लौटा तो उस पर धारा 376 का मुक़दमा लदा था.
घटना कुछ यूं घटी कि वक़्त के साथ युवक सत्यराज और उसके पिता सतेंद्र चौधरी बर्बाद होते चले गए. बैंगलोर के जिस कॉलेज में सत्यराज इंजीनियरिंग की पढ़ाई करता था उसी कॉलेज में रांची की एक युवती भी पढ़ाई कर रही थी. दोनों में पहले दोस्ती हुई फिर मोहब्बत, मोहब्बत इस क़दर गाढ़ी हुई कि दोनों ने साथ जीने मरने की कसमें तक ख़ा ली. रांची से पिता इंजीनियरिंग के लिए बेटे को पैसा भेजता रहा और बेटा मोहब्बत पर उसे उड़ाता रहा.
बाद में जब पिता ने सख़्ती की तो बेटे के पास पैसा का अभाव हो गया फिर उसने लड़की से दूरी बनानी शुरू कर दी और यही बात लड़की को नागवार गुज़रा. बाद में युवती दिल्ली चली आयी. लंबे अंतराल के बाद जब एक बार फिर से प्यार परवान चढ़ने लगा तो सत्यराज लड़की से मिलने दिल्ली जा पहुंचा. तब तक लड़की किसी और को दिल दे बैठी थी. लड़की ने लड़के को देखते ही उसपर कई तरह के आरोप लगवाया दिये, उसकी पिटाई कर दी और दिल्ली के एक थाने में मुक़दमा भी कर दिया. बाद में जब लड़का रांची आया तो युवती ने अपने परिवार के पास भी इसकी शिकायत करते हुए सुखदेव नगर थाने में शिकायत दर्ज करा दी. इतना सब होते होते लड़के के पिता का 15-20 लाख रुपया ख़र्च हो गया. मुक़दमे में उलझकर सत्यराज की पढ़ाई छूट गयी और यही विवाद पिता को कंगाल भी कर गया. आज दोनों पिता पुत्र उसी केस को मैनेज करने के लिए सुखदेव नगर थाने में चिरौरी करते नज़र आए.