रांची: इटकी आरोग्यशाला परिसर में सोमवार को 8 करोड़ की एक्सपायर्ड दवाएं मिली है. इसमें मलेरिया, फाइलेरिया कालाजार की दवा और किट शामिल है. बता दें कि राज्य में पिछले साल सरकारी आंकड़ों के अनुसार 17 हजार लोग मलेरिया की चपेट में आ गए थे वहीं 8 लोगों की इससे मौत हो गई थी. अगर इन दवाओं को उनमें बांट दी जाती तो शायद वो नौबत ही देखने को नहीं मिलती. यही नहीं सरकार सालाना मलेरिया से निबटने के लिए 20 करोड़ रुपए खर्च करती है, लेकिन इसका कोई नतीजा सामने नहीं आता क्योंकि अधिकारियों की लापरवाही और मनमानी सरकार के उद्देश्य पर पानी फेर देती है.
जानकारी के अनुसार दवा राज्य मलेरिया सेल की बताई जा रही है. दवाओं का निर्माण 2005 से 2007 के बीच हुआ है. इसकी एक्सपायरी 2008 से 2010 की है. जानकारी के अनुसार विभाग ने 2005 में इटकी आरोग्यशाला परिसर में स्टेट ड्रग स्टोर की स्थापना की गई थी. यहां से राज्य के सभी जिलों में दवा भेजी जाती थी. 2008 में स्टेट ड्रग स्टोर नामकुम ले जाया गया. इस बीच सेल को उपलब्ध दवा आरोग्यशाला के एक वार्ड में डंप कर दिया गया. दवाओं में क्लोरोक्वीन टेबलेट, मलेरिया की पारा हिट रैपिड टेस्ट किट, स्टीवानेट और स्ट्रेट टेबलेट शामिल है.
आरोग्यशाला अधीक्षक रंजीत प्रसाद ने बताया कि दवा मलेरिया सेल की है. इन्हें हटाने के लिए 12 अक्टूबर 2020 को मलेरिया सेल को पत्र भेजा गया था, पर जवाब तक नहीं दिया गया. दरअसल इटकी आरोग्यशाला में एक्सपायर्ड दवा बंधू तिर्की के निरीक्षण के दौरान मिला. उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच के लिए वो मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री से मुलाकात करेंगे.