केएन यादव/ न्यूज़11 भारत
दुमका/डेस्क: मसलिया प्रखंड के सांपचला पंचायत अंतर्गत भेलादहा गांव में जल जीवन मिशन के तहत लगाए गए 12 हजार क्षमता वाली टंकी के रहने के बावजूद भी ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल नहीं नसीब हो पा रहा है. जिस कारण ग्रामीण काफी लाचारी और विवशता में जी रहे हैं. ग्रामीणों ने बताया कि गांव के ऊपर जेठापड़ा में 12 हजार क्षमता वाली सोलर संचालित टंकी विगत 6 महीने पूर्व बनाई गई है. जिसका अभी तक पूर्ण रूप से काम भी नहीं कराया गया है. पानी की किल्लत को देखते हुए ऊपर टोला के मात्र सात घरों में कनेक्शन करा कर छोड़ दिया है. लेकिन नीचेपाड़ा के 30 घरों को अभी तक वंचित रखा गया है. जिससे ग्रामीणों को बढ़ती गर्मी की शुरुआत से ही परेशानी बढ़ रही है.
ग्रामीण बताते हैं कि ऊपर टोला से नीचे टोला आने के क्रम में काली मंडा के पास पाइप कनेक्शन काट देने दिए जाने के कारण निचले के 30 घरों में पानी नहीं मिल पा रहा है. गांव में एक ही चापाकल है जिसमें कतार में लग कर ग्रामीण महिलाएं पीने के लिए पानी लेती है वहीं इस स्थिति में तू-तू मैं-मैं तक की नौबत आ जाती है. गांव के अन्य घरों में कुएं भी चिलचिलाती गर्मी के कारण सूख रहे हैं जिस कारण पानी की किल्लत आने वाले समय में और भी बढ़ेगी.
ग्रामीण महिलाओं ने कहा कि अगर काली मंडा के पास पाइप को जोड़ दिया जाए तो समूचे गांव में पानी मिल जाएगा. रांची के ठेकेदार से पेटी कांटेक्ट लिए रंजीत ठाकुर ने अवैध तरीके से सभी का आधार नंबर लेकर आनलाइन में पानी सप्लाई शो करके दिखा दिया है. जिस कारण पानी नहीं मिलने के बाद भी वंचित ग्रामीण कुछ नहीं कर पा रहे हैं. यहां तक की उपायुक्त कार्यालय दुमका में 15 दिन पूर्व लिखित शिकायत के बाद भी अबतक समस्या का निदान को लेकर कोई पहल नहीं की गई है. मौके पर मनोज भंडारी, ज्योति देवी, सुमंती देवी, कुमारी मेघा, रीना भंडारी समेत दर्जनों ग्रामीणों ने अभिलंब जलापूर्ति बहाल करने की मांग सरकार से की है. इस संदर्भ में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कनीय अभियंता अनूप कुशवाहा ने कहा कि जल्द ग्रामीणों की पेयजल समस्या को दूर कर दिया जाएगा.