मुजतबा हैदर रिजवी/ न्यूज11भारत
जमशेदपुर/डेस्क:जमशेदपुर समेत कोल्हान के शहरी इलाकों में जून से प्रीपेड मीटर लगाने का काम शुरू होना था. इसके लिए टेंडर प्रक्रिया चल रही थी. लेकिन, लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लग जाने की वजह से टेंडर प्रक्रिया ठप पड़ गई है. अब टेंडर प्रक्रिया चुनाव आचार संहिता खत्म होने के बाद शुरू होगी. इसके चलते कोल्हान में बिजली के प्रीपेड मीटर लगाने का काम भी लगभग 2 महीना लेट हो जाएगा. अब प्रीपेड मीटर लगाने का काम अगस्त या सितंबर तक शुरू हो सकेगा. कोल्हान के तीन जिलों पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम और सरायकेला खरसावां के शहरी इलाकों में लगभग तीन लाख 22 हजार उपभोक्ताओं के यहां प्रीपेड मीटर लगाया जाना है. यह प्रीपेड मीटर आरडीएसएस (रिवैंप्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम) के तहत लगाए जाएंगे.
मार्च में निकल गया था प्रीपेड मीटर लगाने का टेंडर
मार्च में रांची में बिजली विभाग के हेड क्वार्टर से प्रीपेड मीटर लगाने का टेंडर निकाला गया था. यह टेंडर प्रक्रिया 3 महीने में पूरी होनी थी. टेंडर प्रक्रिया चल ही रही थी कि लोकसभा चुनाव का ऐलान हो गया. इसके चलते टेंडर प्रक्रिया स्थगित है. आचार संहिता खत्म होने के बाद अब यह टेंडर प्रक्रिया दोबारा शुरू की जाएगी और जिस कंपनी को टेंडर मिलेगा वह कंपनी पूरे कोल्हान में शहरी इलाके के उपभोक्ताओं के यहां प्रीपेड मीटर लगाएगी.
रिचार्ज खत्म होने पर कट जाएगी बिजली
प्रीपेड मीटर लगने से उपभोक्ताओं को आसानी हो जाएगी. उपभोक्ता जितने रुपए का रिचार्ज करेंगे उतने तक की बिजली का उपयोग कर सकेंगे. रिचार्ज खत्म होते ही बिजली आपूर्ति कट जाएगी. उपभोक्ताओं को दोबारा रिचार्ज करना होगा. उपभोक्ता किसी भी समय रिचार्ज कर सकते हैं. मीटर रिचार्ज होते ही बिजली आपूर्ति दोबारा शुरू कर दी जाएगी. इससे उपभोक्ताओं को यह आसानी होगी कि उनके ऊपर बिजली का बिल का बोझ नहीं बढ़ेगा.
बकाया के झंझट से मुक्त होगा विभाग
प्रीपेड मीटर लगने से बिजली विभाग को भी बकाया के झंझट से मुक्ति मिलेगी. अभी पोस्टपेड मीटर के चलते बिजली का बिल जमा नहीं हो पता. उपभोक्ताओं पर लंबा बोझ हो जाता है. उपभोक्ता बिजली का बिल नहीं दे पाते. बिजली विभाग को भी बकाया का झंझट झेलना पड़ता है और जगह-जगह कैंप लगाने पड़ते हैं. बिजली विभाग को इन सब झंझटों से मुक्ति मिलेगी.