रांची : झारखंड के डीजीपी माफ कीजिए पूर्व कार्यकारी डीजीपी एमवी राव अब हैदराबाद जाकर खेती करने की तैयारी कर रहे हैं. जाने से पहले उन्होंने सबको शुक्रिया कहा, ख़ासकर उनको जिन्होंने उनके लिए विष उगला. राव साहब बाकी तो सब ठीक था लेकिन सवाल यही कचोट रहा है कि आपने विष पीया कब ? उल्टा आपके लिए तो झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को विष पीना पड़ा. आप तो विष्णु हैं, आपका काम लीला करना था और आपने लीला की. जब भी आपकी गाथा लिखी जाएगी तो उसमें आपकी आयरन हैंड लीला से लेकर कोयला चोरी लीला तक का उल्लेख रहेगा और भरपूर रहेगा. आज आप भले आंसू टपका रहे हैं, ये सोचकर कि ये आंसू आपकी छवि साफ और सरकार की छवि नमक भरी कर देंगे लेकिन हुज़ूर विष पीना किसे कहते हैं आप अपने कॉन्सेप्ट क्लीयर कर लीजिए.
विष तब पीया जाता है जब तमाम विवादों के बावजूद झारखंड और झारखंडियों ने आपको माथे पर बैठाया, आपको पुलिस का सिरमौर बनाया और नतीजा क्या, अचानक राज्य में कोयला चोरी बढ़ गयी. विष तो हुज़ूर झारखंडियों ने पीया जब पुलिस के सबसे बड़े अधिकारी होते हुए भी आप बोले की बेटियाँ अपनी सुरक्षा देख लें. विष तो झारखंडियों ने तब पीया जब पद से हट जाने के बाद भी आपने ट्रान्स्फ़र कर दिया. विष तो झारखंडियों ने तब पीया जब आपको डीजीपी बनाए रखने के लिए हम ग़रीबों को Supreme court में करोड़ों खर्च करने पड़े सिर्फ़ केस लड़ने के लिए. झारखंड का इतिहास रहा है जिस बाहरी को हमने सर पर बैठाया दिल में बसाया बाहें खोलकर गले लगाया बाद में हर उसने विषपान का ही स्वांग रचाया. ख़ैर आपने खेती करने का सोचा है तो बढ़ियाँ ही सोचा होगा, हम तो अब भी शुभकामनाएं ही देंगे. झारखंड आपको अब भी दिल में ही रखेगा.