रांची: कहते हैं कि डॉक्टर भगवान का दूसरा रूप होता है और यह साबित किया है डॉ नीरज कुमार और उनकी पत्नी डॉक्टर अनिता कुमारी ने. दरसअल शहर के एक निजी अस्पताल में बच्ची का जन्म हुआ जिसका वजन मात्र 760 ग्राम था. बच्ची का बचना नामुमकिन था. लेकिन, इसी अस्पताल के दोनों डॉक्टर दंपति ने हार नहीं मानी. परिजन भी यह मान चुके थे कि इस बच्ची का बचना आगे बहुत ही मुश्किल है. मगर डॉक्टर दंपति ने पूरी लगन निष्ठा और निस्वार्थ भावना से इस नवजात बच्ची का ट्रीटमेंट किया.
26 दिनों में वजन 760 ग्राम से 1030 ग्राम हुआ
डॉक्टर नीरज ने कहा कि यह जानकर बहुत अच्छा लगता है कि यह नवजात बेबी अब स्वस्थ हैं और अपने घर जा चुकी है. यह बच्ची अब सामान्य रूप से अपनी मां का दूध का सेवन कर रही हैं और अभी तक कोई भी समस्या उत्पन्न नहीं हुई है. नवजात बच्ची का ट्रीटमेंट 26 दिनों तक हुआ और इनका वजन 1 अगस्त 2021 को 760 ग्राम से बढ़कर 1030 ग्राम हो चुका है.
ट्रीटमेंट आयुष्मान योजना के तहत किया गया
बच्ची के मां-बाप चीचीगड़ा गांव, खूंटी के रहने वाले हैं. इनकी बेटी 6 महीने की प्रेगनेंसी में ही डिलीवर हो गई थी. यह प्रीमेच्योर बेबी बहुत ही कमजोर थी. हमें एक और जानकारी देकर बहुत ही खुशी हो रही है कि सुनील मुंडा और इतवारिया मुंडाइन की इस बच्ची का पूरा ट्रीटमेंट आयुष्मान योजना के तहत किया गया एवं इस परिवार का कोई भी खर्च नहीं हुआ. आज समाज में ऐसे ही कुछ डॉक्टर दंपति निस्वार्थ भाव से मानव सेवा कर रहे हैं और यह मान्यता को सही साबित कर रहे हैं.