मुजतबा हैदर रिजवी/ न्यूज 11भारत,
जमशेदपुर/ डेस्क: कांग्रेस ने गोड्डा, चतरा और धनबाद से उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. इस घोषणा से मुस्लिम समुदाय में मायूसी है. मुस्लिम समुदाय को उम्मीद थी कि गोड्डा से फुरकान अंसारी को टिकट मिलेगा. लेकिन गोड्डा से दीपिका पांडे सिंह को टिकट मिला है. इससे मुस्लिम समुदाय में नाराजगी है. इसका असर, लोकसभा चुनाव पर भी पड़ सकता है. जमशेदपुर में भी मुस्लिम बुद्धिजीवियों ने गोड्डा से किसी मुस्लिम को टिकट न मिलने पर नाराजगी का इजहार किया है. कदमा के रहने वाले बुद्धिजीवी डॉक्टर आमिर कहते हैं कि गोड्डा से मुस्लिम उम्मीदवार जीतते रहे हैं.
निर्णायक भूमिका में हैं मुस्लिम मतदाता
गोड्डा में मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका में हैं. यहां मुस्लिम मतदाताओं की खासी संख्या है. इसलिए, यहां से कम से कम एक मुस्लिम को टिकट मिलना चाहिए था. मानगो के रहने वाले प्रोफेसर सलीम खान कहते हैं कि झारखंड में लोकसभा की 14 सीटें हैं. कम से कम एक सीट पर मुस्लिम उम्मीदवार खड़ा करना चाहिए था. गोड्डा में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या को देखते हुए इस सीट से फुरकान अंसारी या फिर किसी अन्य मुस्लिम नेता को टिकट मिलना चाहिए था.
तो इरफान अंसारी को दे देते टिकट
गोड्डा से दीपिका पांडे सिंह को टिकट मिला है. वह महागामा से विधायक हैं. बुद्धिजीवियों का कहना है कि अगर विधायक को ही टिकट देना था तो जामताड़ा के विधायक इरफान अंसारी को गोड्डा से चुनाव लड़ाना चाहिए था.
कदमा के रहने वाले एक बुद्धिजीवी इरफान हुसैन का कहना है कि झारखंड में मुसलमानों की भी बड़ी आबादी है. मुस्लिम बिरादरी आर्थिक, सामाजिक और शिक्षा के क्षेत्र में पीछे है. अब उन्हें राजनीति में भी पीछे रखा जा रहा है. उनका कहना है कि गोड्डा से फुरकान अंसारी को प्रत्याशी बनाया जाना चाहिए था. कांग्रेस ने गोड्डा से दीपिका पांडे सिंह के अलावा चतरा से कृष्णानंद त्रिपाठी और धनबाद से अनुपमा सिंह को टिकट दिया है.
तीन बार मुस्लिम प्रत्याशी ने लहराया है जीत का परचम
गोड्डा लोकसभा सीट से मुस्लिम उम्मीदवार ने तीन बार जीत का परचम लहराया है. साल 1980 में पहली बार यहां से मौलाना समीनुद्दीन जीते थे. 1984 में अगले चुनाव में फिर मौलाना समीनुद्दीन ने जीत हासिल की थी. साल 2004 में फुरकान अंसारी ने जीत का परचम लहराया था. मौलाना समीनउद्दीन और फुरकान अंसारी दोनों कांग्रेस के टिकट पर ही गोड्डा से जीतकर लोकसभा पहुंचे थे.