प्रशांत शर्मा/न्यूज़11 भारत
हजारीबाग/डेस्क: हाल के दिनों में राज्यभर में विशेषकर हजारीबाग और रांची में भू माफियाओं की बढ़ती सक्रियता और जमीन विवाद को लेकर हत्याएं हो रही है. इसके साथ ही हाई कोर्ट की सक्रियता के मद्देनजर भूमि माफिया की नकेल कसने का आदेश राज्य पुलिस के मुखिया अजय कुमार सिंह ने राज्य भर के सभी एसपी को दिया है. यह आदेश 15 अप्रैल को पुलिस आदेश संख्या 95 के तहत दिया गया है. सभी जिलों के कप्तान को डीजीपी ने यह आदेश दिया है कि वह अपने-अपने जिलों में भूमि से संबंधित दर्ज मामलों को श्रेणीवार चिह्नित करें.
भूमि माफिया के साथ उनके सहयोगियों को भी चिह्नित कर उसका पूरा ब्यौरा पुलिस को जुटाना है. जमीन माफियाओं, दलालों के नाम से लेकर पिता का नाम व पता लेना है. इसके अलावा उनके सभी नजदीकी स्वजनों का मोबाइल नम्बर, पैन व खाता नंबर जुटाना है. इसके साथ ही चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा में मोटर वाहन का प्रकार व नंबर भी लेना है. भूमि माफिया के साथ-साथ उसके स्वजनों का तीन वर्षों का आयकर रिटर्न भी पुलिस जुटाएगी.
तीन श्रेणियों में जमीन विवाद होंगे चिह्नित, एसआइटी करेगी जांच
बताया जा रहा है कि जमीन से संबंधित वैसे मामले जिसमें रुपयों का भुगतान करने के बाद भी जमीन नहीं दी गई या समझौता का उल्लंघन किया गया. इसके साथ ही जमीन दूसरे को बेच दी गई. भादिव की धारा 420 व 406 के तहत दर्ज ऐसे मामलों को एक श्रेणी में रखना है. दूसरे श्रेणी में जमीन का सौदा करने के लिए जाली दस्तावेजों का प्रयोग किया गया है. इसके अलावा तीसरे श्रेणी में वैसे मामलों को रखना है जिनमें जानलेवा हमला या आर्म्स एक्ट से संबंधित मामले है. ऐसे तीन श्रेणी में शामिल भूमि माफिया पर नकेल कसने के लिए एसआइटी का गठन किया जाए. इनके खिलाफ छापेमारी कर तुरंत गिरफ्तारी भी की जाए. ऐसे मामलों का त्वरित अनुसंधान भी हो. भूमि विवाद से संबंधित सभी मामलों के पीड़ित से लेकर गवाहों तक की सुरक्षा को सुनिश्चित करना होगा. रिर्टन का ब्यौरा भी पुलिस जुटाएगी.
पुलिस प्रमुख ने ऐसे मामलों के लिए सभी थानेदारों को यह आदेश दिया है कि वह 15 दिनों के अंदर अपने-अपने इलाके में सीओ के साथ समन्वय कर बैठक करेंगे. इस बैठक के रिजल्ट से एसपी, एसडीओ व डीएसपी को अवगत भी कराएंगें. सभी एसडीओ व डीएसपी अपने इलाके में समन्वय बनाकर भूमि विवाद के मामलों का निष्पादित करने के लिए भी बैठक करेंगे. इसके रिजल्ट से एसपी को अवगत कराएंगे. एसपी जिले के डीसी से समन्वय कर दो माह माह में बैठक करेंगे और इसके नतीजे की जानकारी पुलिस मुख्यालय को देंगे. एक से अधिक भूमि विवाद के मामलों में शामिल आरोपितों पर सीसीए से लेकर जिला बदर की कार्रवाई की जाए. थाना हाजिरी की कार्रवाई भी की जाए. इसपर निगरानी भी रखी जाए. ऐसे मामलों की एसपी हर माह तो डीआइजी के साथ तीन माह पर समीक्षा करेंगे. दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी इस समीक्षा के दौरान अधिकारियों को करनी है. पीड़ित व गवाहों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करनी है.