संतोष कुमार/न्यूज़11 भारत,
चांडिल/डेस्क: सरायकेला-खरसावां जिला के ईचागढ़ प्रखंड क्षेत्र के डुमरा गांव में गुरुवार को सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का उद्घाटन पत्रकार संगठन आल इंडिया स्मॉल एण्ड मिडियम जर्नलिस्ट एसोसिएशन के प्रदेश प्रवक्ता पत्रकार अरुण कुमार मांझी, जिला सचिव संतोष कुमार, विद्युत महतो,मुखिया लक्ष्मी देवी, प्रतिनिधि दयाल सिंह मुण्डा, पत्रकार विनोद वर्मा, शिवनाथ महतो, विकास ठाकुर सांस्कृतिक आयोजन समिति के अध्यक्ष कृष्ण कुमार माझी, सचिव बसंत प्रामाणिक, कोषाध्यक्ष मनसा सिंह सरदार आदि ने संयुक्त रूप से फीता काटकर किया. उद्घाटन के बाद बंगाल के झालदा का लक्ष्मी मनी महतो एवं पार्टी द्वारा झुमर नृत्य प्रस्तुत किया गया.
झारखंड, बंगाल व उड़ीसा का मिला जुला झुमर नृत्य का झलक लोगों को खुब भाया . झुमर नृत्य से दर्शक आत्म विभोर होकर जम कर झूमे. झुमर नृत्य से दर्शक भी नाचते देखे गए. वहीं रात्री को मानभूम शैली का छौ नृत्य बंगाल के पलमा के हेमचंद्र महतो व झारखंड के पूर्वी सिंहभूम बिड़रा के सनत महतो का द्वारा छौ नाच का एक से एक छौ नृत्य का प्रस्तुती किया गया. वहीं सांस्कृतिक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एआई एस एम जे डब्ल्यू ए के प्रदेश प्रवक्ता अरूण कुमार मांझी ने कहा कि संस्कृति हमारी पहचान है इसे बचाए रखना हम सबों का कर्तव्य है.
उन्होंने कहा कि आज अपनी संस्कृति भूल कर पर संस्कृति अपनाया जा रहा है. उन्होंने पाश्चात्य संस्कृति को अलविदा कर अपने पूर्वजों द्वारा दिखाए गए संस्कृति को बचाने का अपील किया. उन्होंने कहा कि आज के समय में कहीं भी गार्जियनशिप नहीं है. उन्होंने कहा कि न गांव में न घर में न विद्यालय में गार्जियनशिप है. उन्होंने अपने रहन सहन व बाल कटिंग पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि अपने रहन सहन व लिवास के अनुसार ही अपना चरित्र व संस्कार का विकास होता है,इसे अपने जीवन शैली से हटाने का जरूरत है. वहीं आयोजन समिति के अध्यक्ष कृष्ण कुमार माझी ने बताया कि प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. उन्होंने कहा कि झुमर शिल्पी लक्ष्मी मनी महतो व पार्टी द्वारा झुमर नृत्य प्रस्तुत किया गया.
उन्होंने कहा कि रात को दो दलों के बीच मानभूम शैली का छौ नृत्य का प्रस्तुती किया जाएगा. उन्होंने कहा कि संस्कृति हमारी पहचान है,इसे बचाए रखने की जरूरत है. मौके पर , ग्राम प्रधान विजय सिंह मुण्डा,साधु चरण सिंह मुण्डा , उज्जवल चक्रवर्ती,बाबाई चक्रवर्ती, रविन्द्र पातर आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे.