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रांची/डेस्क: जयराम महतो फिलहाल लोकसभा चुनाव के प्रचार प्रसार तक कानूनी अड़चनों से बच निकले हैं. अदालत ने जयराम पर पीड़क कार्रवाई पर रोक लगाते हुए रांची पुलिस से केस डायरी की मांग कर दी है. अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख 21 मई की मुकर्रर की है. जयराम के बच निकलने से एक तरफ जहां कुछ लोगों को चैन मिला है. वहीं दूसरी तरफ कुछ लोगों की नींद उड़ गयी है. मामला गिरीडीह लोकसभा चुनाव से जु़ड़ा हुआ है. गिरीडीह में 25 मई को लोकसभा चुनाव होना है और मंगलवार को निर्वाचन आयोग ने जयराम का नामांकन भी कन्फर्म कर दिया है. अब जयराम आराम से क्षेत्र में चुनाव का प्रचार प्रसार कर सकते हैं.
जयराम को नामांकन के बाद किया गया था गिरफ्तार
बता दें कि जयराम को नामांकन के दिन रांची पुलिस ने नगड़ी थाना में साल 2022 में दर्ज प्राथमिकी पर जारी वारंट के तहत गिरफ्तार किया था. लेकिन जयराम कस्टडी से फरार होने में कामयाब हो गए थे. रांची पुलिस जयराम के समर्थकों के बीच लकीर पीटती रह गयी थी. बाद में पुलिस ने बोकारो के सिटी थाना में केस भी दर्ज कराया, जिसमें 6 लोगों की गिरफ्तारी की गयी.
नामांकन के बाद जनसभा कर जयराम हुए फरार
बोकारो में जयराम ने अपने समर्थकों के साथ नामांकन किया और उसके साथ ही पुलिस ने उसे कस्टडी में ले लिया था. लेकिन कस्टडी में लेने के बाद जयराम ने पुलिस से जनसभा के लिए इजाजत मांगी. गंभीर मामला यह है कि कस्टडी में लेने के बावजूद पुलिस ने जयराम को जनसभा के लिए अनुमति दे दी. जयराम जनसभा में जाता है और वहां से समर्थकों की सहायता से फरार हो गया. इस घटना के बाद पुलिस की काफी फजीहत हुई.
जयराम ने दी थी पारसनाथ, झुमरा में शरण लेने की चेतावनी
पुलिस कस्टडी में आने के बाद जयराम ने जिस जनसभा को संबोधित किया, वहां खुले मंच से घोषणा कर दी कि अगर उसका नामांकन रद्द किया जाता है तो वह पारसनाथ के पहाडों या झुमरा में शरण ले लेगा. उसने साफ कहा था कि उसे अपराधी बनने के लिए विवश ना किया जाए. जयराम की इस चेतावनी के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि कहीं उसके नक्सलियों के साथ तो संबंध नहीं है. लेकिन कोर्ट ने इन तमाम कयासों पर रोक लगाते हुए जयराम पर पीड़क कार्रवाई पर रोक लगा दी है.