कोरोना की दूसरी लहर के दौरान कई लोग इसकी चपेट में आ गए है. वहीं इस बीच कई तरह की बीमारी भी सामने निकल कर आ रही है. दूसरी लहर के बाद अब तीसरी लहर के कहर का खौफ बना हुआ है. हालांकि कोरोना के मामले घट गए हैं लेकिन सावधानी नहीं बरतने पर मामला बढ़ने की आशंका अभी भी बनी हुई है. कोरोना के इस दौर में बच्चों पर इस महामारी का डर बना हुआ है. इस बीच नवजात में इससे जुड़ी बीमारी को देख सभी हैरान हो गए.
अगले 3 से 4 दिनों में स्थिति और खराब
आंध्रप्रदेश में स्किन पर घाव करने वाले कोविड मल्टी-सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम का मामला सामने आया है. इसे दुनिया का पहला ऐसा मामला माना जा रहा है. हालांकि डॉक्टरों की एक टीम ने कोविड मल्टी-सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम (MISC) से पीड़ित एक नवजात का सफलतापूर्वक इलाज किया है. दरअसल एक बच्चे के जन्म लेने के 16 घंटे के बाद ही उसके पेट, चेस्ट और पैरों के पीछे काले, लाल और नीले रंग के घाव हो गए थे. अगले 3 से 4 दिनों में स्थिति और खराब हो गई. मां और बच्चे, दोनों का RT-PCR टेस्ट नेगेटिव आया था. वहीं मां ने भी प्रेग्नेंसी के दौरान किसी भी तरह की समस्या से साफ मना कर दिया था.
दोनों में कोविड IGG एंटीबॉडी पॉजिटिव
वहीं चौकाने वाली बात तब सामने आई जब मां और बच्चे दोनों में कोविड IGG एंटीबॉडी पॉजिटिव थे, जो मां से बच्चे में एंटीबॉडी के ट्रांसप्लासेंटल ट्रांसमिशन का संकेत देते हैं. मां से बच्चे में कोविड एंटीबॉडी के ट्रांसप्लासेंटल वर्टिकल ट्रांसमिशन का बहुत कम डिस्क्रिप्शन मिलता है.
शिशु 21 मई को ICU में हुआ भर्ती
अस्पताल के पीडियाट्रिक पीवी रामा राव ने कहा कि इस स्थिति का इलाज ‘पुरपुरा फुलमिनन्स’ के रूप में किया गया था. न्यूबॉर्न बेबी की स्किन पर गंभीर घाव हो गए थे. बता दें कि 7 दिन के शिशु को 21 मई को स्किन डिजीज और बुखार के चलते ICU में भर्ती कराया गया था.