प्रशांत शर्मा/न्यूज11 भारत
हजारीबाग/डेस्क: हजारीबाग के रामनवमी को इंटरनेशनल रामनवमी यूं ही नहीं कहा जाता. यहां के लाखों रामभक्त 36 घंटे से भी ज्यादा वक्त सड़क पर उतर श्री राम और वीर बजरंग बली हनुमान का जयकारा करते है. इसकी तैयारी भी अब लगभग पूरी हो चुकी है. पूरे शहर को महाबिरी झंडा से पाट दिया गया है. रामनवमी महासमिति और रामभक्त निस्वार्थ भाव से इंटरनेशन रामनवमी को एतिहासिक बनाने में दिन रात एक किए है. देश भर में जुलूस नवमीं को निकलती है और सब जगह जब संपन्न हो जाता है. तो हजारीबाग में दशमी को जुलूस - निकलता है और ग्यारहवीं को संपन्न होता है. जय श्रीराम के घोष से पूरा हजारीबाग गूंज उठता है. जुलूस में शहर के हीं नहीं - शहर से 25 किलोमीटर दूर से झांकियां शामिल होने आती है. झांकियों से पूर्व यहां झंडा शामिल होने आता था. आज शहर में आने वाले झांकियों की संख्या 100 से अधिक हो गयी है. जुलूस में शक्ति प्रदर्शन करने की भी एक परंपरा रही है. हाथ में पारंपरिक हथियार, डंडा लाठी के साथ युवक सड़क पर उतरते हैं, एक से बढ़कर एक कलाबाजी दिखाते है. हजारीबाग के राम भक्त होली के बाद से ही इसकी तैयारियां शुरू कर देते है. जिला प्रशासन एवं राम भक्त दोनों अपने-अपने तरीके से तैयारी करते है.
एक ओर जिला प्रशासन डीसी और एसपी के नेतृत्व में पूरे जिले में शांति समिति की बैठक कर लोगों से शांति और सौहार्द पूर्ण वातावरण में रामनवमी मनाने को कह रहा. वहीं दूसरी ओर रामनवमी महासमिति भी अपने तरीके से तैयारी में लगा रहता है. होली के बाद से आने वाले पहले मंगलवार से ही पूरे शहर में मंगला जुलूस निकाला जाता है, जो नवमी से पहले आने वाले सभी मंगलवार को मंगला पूरे गाजे बाजे के साथ निकलता है. विभिन्न चौक चौराहों का नामांकरण भी पुरानों में दर्ज उल्लेख विभिन्न एतिहासिक गढ़ के नाम से किया गया है. लोगों पर रामनवमी का भाव खुमार मार रहा है. कोई भगवा गमछी ओढ़े दिख रहा है तो कोई हाथों में महाबिरी झंडा लेकर घूम रहा है. हजारीबाग रामनवमी जुलूस का मार्ग भी सुनिश्चित रहता है. सारे झांकियां शहर में लगभग 8 किलोमीटर का जुलूस मार्ग तय करते हैं जो झंडा चौक, बड़ा अखाड़ा, महावीर स्थान चौक, ग्वाल टोली होते हुए जामा मस्जिद रोड से गुजरते है. इस दौरान जय श्रीराम के घोष से पूरा हजारीबाग गूंज उठता है.