रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 6 मार्च को दिल्ली के ताज होटल में स्टेकहोल्डर कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली रवाना हो गए हैं. यह बैठक झारखंड की इन्वेस्टमेंट और इंडस्ट्रियल पॉलिसी के ऊपर होगी. इस बैठक में मुख्यमंत्री के अलावा मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, उद्योग सचिव पूजा सिंघल भी हिस्सा लेंगी. दिल्ली रवाना होने से पहले सुखदेव सिंह ने कहा कि इन्वेस्टमेंट और इंडस्ट्राइलाइजेशन और झारखंड में निवेश के लिए दिल्ली की यात्रा बहुत महत्वपूर्ण है. उद्योग सचिव पूजा सिंघल ने इस बारे विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि कई निवेशक झारखंड में निवेश करने को इच्छुक हैं और उन्होंने सरकार के उद्योग विभाग के सिंगल विंडो सिस्टम के तहत इच्छा जताई थी. इस पर ग्राउंड वर्क करने के बाद सरकार इस नतीजे पर पहुंची है कि यह लोग सीरियस इन्वेस्टर्स हैं और इनसे झारखंड में निवेश के लिए बातचीत की जा सकती है. 6 मार्च को ताज होटल में एक बैठक में फिक्की के माध्यम से गारमेंट और अपैरल इंडस्ट्री के कई बड़े बिजनेस ग्रुप के साथ एमओयू भी आयोजित किया जाएगा. सरकार की ओर से उन्हें सरकार की नहीं, इंडस्ट्री पॉलिसी, टूरिज्म पॉलिसी और लेबर लॉ में जो संशोधन पिछली सरकार ने किए हैं यह सब विस्तार से बताया जाएगा.
फर्जी कंपनियों के लिए दरवाजा बंद
विक्की को इस स्टेकहोल्डर मीटिंग की जिम्मेदारी दी गई है. विक्की ने इस पर पहले ही होमवर्क कर लिया है. उद्योग सचिव ने पहले ही बताया है कि साइकिल बनाने वाली कंपनी अपना प्लांट झारखंड में लगाना चाहती है क्योंकि सरकारी योजनाओं में ही साल भर में लाखों साइकिलें झारखंड सरकार खरीद कर लाभुकों में बांटती है. आने-जाने का खर्च बचे, तो बेहतर है कि यह प्लांट झारखंड में स्थापित कर लिया जाए. इसके अलावा अरविंद मिल ऐसी कंपनी है जो विस्तार चाहती है. उसका एक प्लांट पहले से झारखंड में है. मतलब कि दिल्ली में 6 मार्च को जिन कंपनियों के साथ मेमोरेंडम आफ अंडरस्टैंडिंग यानी एमओयू होगा वह कंपनियां सीधे-सीधे झारखंड में अपना प्लांट या उद्योग स्थापित करेंगे. इस लिहाज से मुख्यमंत्री की निवेश के लिए की गई यह पहली यात्रा है. कुछ लोग सवाल उठा सकते हैं कि रघुवर दास के मोमेंटम झारखंड जैसा ही यह कार्यक्रम है, तो इसका जवाब यह है कि मोमेंटम झारखंड में खानापूरी के लिए दरवाजों को ऐसे खोल दिया गया था कि बहुत सारे फर्जी कंपनियों ने भी झारखंड में जमीन लूटने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम का दुरुपयोग किया. आपने भी सुना होगा कि बहुत सारी ऐसी कंपनियां यहां आ गई हैं जिन्होंने जमीन भी प्राप्त कर ली जिनका अकाउंट वैल्यू मात्र एक लाख रुपये था. झारखंड सरकार के अफसरों को मोमेंटम झारखंड कार्यक्रम की नाकामी से जो तजुर्बा हासिल हुआ है उससे सबक लेते हुए अब 59 लूपहोल्स को बंद कर दिया गया है. यह बात मुख्यमंत्री ने भी साफ कर दिया है कि फर्जी कंपनियों को झारखंड में एंट्री की इजाजत बिल्कुल नहीं मिलेगी. सरकार निवेश नहीं करेगी मगर कोई उद्योगपति अगर झारखंड में निवेश करना चाहता है तो सरकार उसे हर तरीके से सपोर्ट करेगी.