बोकारो : चास सीओ कार्यालय की ओर से एक नोटिस ने चास के आम हो या खास सभी को परेशान कर रखा है. अब व्यवसायी सरकार से ऐसे फरमान को खत्म करने की मांग कर रहे हैं. व्यवसायी वर्ग कह रहे हैं कि सरकार पहले अपने खाते की जांच करें और फिर यह पता लगाए कि किसने सरकारी जमीन को गलत तरीके से बंदोबस्त कराया है. चास के सभी लोगों को नोटिस भेजना सरासर गलत है.
बताते चलें कि चास सीओ कार्यालय की ओर से लगभग छह हजार लोगों को नोटिस जारी किया गया है, जिसमें कहा गया है कि जमीन अपना है तो भूमि से संबधित हुकुमनामा, भूतपूर्व जमींदार से निर्गत राजस्व रसीद, निर्गत परवाना या अन्य ठोस साक्ष्य प्रस्तुत करें. बताया जा रहा है कि चास सीओ कार्यालय की ओर से चास शहरी, कालापत्थर, बाधाडीह, भवानीपुर, डुमरजोर, जोमगोड़िया गांवो के करीब 11 हजार एकड़ जमीन को चिन्हित कर नोटिस भेजा गया है. ऐसे लोगों को 24 मार्च तक साक्ष्य प्रस्तुत करने को कहा गया है, नहीं तो उनकी जमाबंदी रद्द करने की बात कही गयी है.
व्यवसायी गोपाल मुरारका कह रहे है कि सरकारी का यह तुगलगी फरमान सही नहीं है. सभी परेशान है और व्यवसाय पर भी इसका असर पड़ रहा है. पहले अपने खाते की जांच सरकार कराए. वहीं कोरोना वायरस को लेकर जिस तरह लोग डरे हैं. ऐसे में इतने लोग पहुंच जाएंगे कार्यालय में तो विभाग किस तरह की व्यवस्था करेगी.
वहीं चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष संजय वैद्य ने भी इसे गलत बताया है और सरकार से मांग की कि व्यवसायी को परेशान करना बंद करे. वहीं सीओ दिवाकर द्विवेदी का कहना है कि जमीन का जांच करना सरकार का कार्य है. अगर उनकी जमीन है तो कागज दिखाए.जहां तक समय की बांत है तो उसे बढ़ाया जा सकता है.कोरोना की बात पर कहा कि ऐसे में काउंटर बढ़ाए जाएंगे ताकि किसी को समास्या न हो.