अनंत/न्यूज़11भारत,
बेरमो/डेस्क: मजदूरों के वेतन वृद्धि होने का चैंबर ऑफ कॉमर्स का विरोध अमानवीय व्यवहार है.उक्त बातें सीटू के राज्य उपाध्यक्ष रामचंद्र ठाकुर ने कही. बता दें कि इंडस्ट्रियल मजदूर यूनियन (सीटू) के आइइएल स्थित कार्यालय में गुरुवार को एक प्रेस वार्ता आयोजित की गई थी. इस वार्ता में सीटू के राज्य उपाध्यक्ष के अलावा सीटू के जिला सचिव प्रदीप विश्वास एवं सीटू के राज्य कमेटी सदस्य राकेश कुमार भी मौजूद थे.
श्री ठाकुर ने कहा कि झारखंड सरकार ने ठेका मजदूरों एवं अनुसूचित क्षेत्र के मजदूरों के वेतन वृद्धि के लिए पहल किया है. परंतु इसी बीच झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स के द्वारा आपत्ति दर्ज की जा रही है और न्यूनतम मजदूरी में बढ़ोतरी की प्रक्रिया को रोकने की साजिश की जा रही है. सीटू इसका तीव्र प्रतिवाद करती है और मांग करती है कि चेंबर ऑफ कॉमर्स की आपत्ति को दरकिनार कर अनुसूचित क्षेत्र के लिए की गई अधिसूचना को लागू किया जाए. वहीं ठेका मजदूरों के न्यूनतम मजदूरी में वृद्धि के लिए अविलंब अधिसूचना जारी की जाए. बताया कि दिनांक 11 अक्टूबर 2023 को ही झारखंड न्यूनतम मजदूरी परामर्श दात्री पर्षद की बैठक हुई थी.
बैठक में सीटू समेत सभी ट्रेड यूनियन के द्वारा अंतर्राष्ट्रीय श्रम सम्मेलनों की सिफारिश और वेतन आयोग द्वारा अपनाई गई मानक प्रक्रिया के अनुसार 28 प्रतिशत से 44 प्रतिशत बढ़ोतरी का प्रस्ताव किया गया. ट्रेड यूनियनों द्वारा अकुशल श्रमिकों के लिए ₹20000 प्रतिमाह न्यूनतम मजदूरी निर्धारण करने की मांग की गई थी. श्रम विभाग के द्वारा अधिसूचित क्षेत्र के लिए जो घोषणा की गई है, उसमे मात्र दस हजार पांच सौ तीस रूपए प्रतिमाह न्यूनतम मजदूरी की घोषणा की गई है. सीटू ने कहा यह घोषणा कम होते हुए भी ट्रेड यूनियनों ने इसे उद्योग हित को ध्यान में रखते हुए स्वीकार कर लिया है, परंतु चेंबर ऑफ कॉमर्स अधिसूचित क्षेत्र के मजदूर एवं ठेका मजदूर की तुलना मनरेगा मजदूरों से कर रहे हैं, यह घोर हास्यास्पद और निंदनीय है. कहा कि इस बारे में झारखंड के ट्रेड यूनियन मंच द्वारा अतिशीघ्र झारखंड सरकार के श्रम सचिव से मुलाकात किया जाएगा और जरूरत पड़ी तो आंदोलन की घोषणा भी की जाएगी.
मौके पर इंडस्ट्रियल मजदूर यूनियन (सीटू) आइइएल गोमिया शाखा के अध्यक्ष लालचंद सोरेन, सीटू के शंकर प्रजापति, जुल्फिकार अली, संदीप पासवान आदि मौजूद थे.