हिंदू पंचांग के मुताबिक इस बार नौ दिनों का चैत्र नवरात्र 13 अप्रैल, मंगलवार से शुरू हो रहा है. हर वर्ष चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से बासंतिक या चैत्र नवरात्रि के आरंभ होने की परंपरा है. इस दौरान मां दुर्गा के सभी नौ स्वरूपों का नौ दिनों तक व्रत रखा जाता है. पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा से पहले घटस्थापना या कलश स्थापना होता है. ऐसे में आइये जानते है. कलश स्थापना विधि, शुभ मुहूर्त, मंत्र, सभी स्वरूपों की तिथि, व पूजन विधि व अन्य डिटेल्स...
नवरात्रि 2021 में इस्तेमाल में लाएं ये 9 पौधों की पत्तियां
- केले का पत्र
- दारूहलदी (कवी) पत्र
- हल्दी पत्र
- बेल पत्र
- अनार पत्र
- अशोक पत्र
- जयंती पत्र
- धान पत्र
- अमलतास पत्र
घटस्थापना के अन्य शुभ मुहूर्त
- अमृतसिद्धि योग: 13 अप्रैल का सुबह 06 बजकर 11 मिनट से दोपहर 02 बजकर 19 मिनट तक
- सर्वार्थसिद्धि योग: 13 अप्रैल का सुबह 06 बजकर 11 मिनट से दोपहर 02 बजकर 19 मिनट तक
- अभिजीत मुहूर्त: 13 अप्रैल का दोपहर 12 बजकर 02 मिनट से 12 बजकर 52 मिनट तक
- अमृत काल मुहूर्त: 13 अप्रैल का सुबह 06 बजकर 15 मिनट से 08 बजकर 03 मिनट तक
- ब्रह्म मुहूर्त: 13 अप्रैल का सुबह 04 बजकर 35 मिनट से सुबह 05 बजकर 23 मिनट तक
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चैत्र अमावस्या या सोमवती अमावस्या आज
चैत्र नवरात्रि 2021 से एक दिन पहले चैत्र अमावस्या या सोमवती अमावस्या पूजा की जायेगी. हिंदू धर्म में इस पर्व का खासा महत्व होता है. चैत्र अमावस्या का शुभ मुहूर्त 11 अप्रैल से ही शुरू हो रहा है 12 अप्रैल तक रहेगी. इस दिन पीपल के वृक्ष और चंद्रमा की पूजा का महत्व होता है.