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रांची/डेस्कः बीजेपी की राष्ट्रीय मंत्री सह रांची की पूर्व मेयर डॉ आशा लकड़ा को केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय जनजाति आयोग का सदस्य नियुक्त किया है. इसे लेकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू अनुशंसा के पश्चात मिनिस्ट्री ऑफ ट्राइबल अफेयर्स के एनसीएसटी सेक्शन ने इस संबंध में पद जारी किया है. बता दें, यह पद केंद्रीय राज्य मंत्री के समकक्ष है.
बता दें, वर्तमान में डा. आशा लकड़ा बीजेपी पश्चिम बंगाल की सह प्रभारी हैं. झारखंड में सशक्त आदिवासी महिला के रूप में उभरी आशा लकड़ा के कार्यक्षेत्र और आम लोगों के बीच उनकी अलग पहचान को लेकर केंद्रीय बीजेपी कमेटी ने उन्हें राष्ट्रीय कमेटी में राष्ट्रीय मंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी है. इससे पहले साल 2022 में उन्हें देश के कई राज्यों में चुनावी रणनीतियों को तैयार करने की बड़ी जिम्मेदारी भी सौंपी गई थी. जिसमें उन्होंने अपनी सक्रियता दिखाई थी.
छत्तीसगढ़, असम, पश्चिम बंगाल और गोवा में विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने अपनी सूझबूझ और राजनीतिक परिपक्वता से बीजेपी को बढ़त दिलाई. अब केंद्र सरकार ने उन्हें नई जिम्मेदारी सौंपी हैं झारखंड में आदिवासियों के शोषण के विरुद्ध उन्होंने मुखर होकर राज्य सरकार के समक्ष अपनी बातें रखीं, जिस पर सरकार खामोश रही. आदिवासियों पर हो रहे अत्याचार, मानसिक उत्पीड़न, दुष्कर्म आदि से संबंधित मामलों में भी आशा लकड़ा ने अपनी आवाज बुलंद की.
वहीं, केंद्र सरकार की तरफ से दी गई इस नई जिम्मेदारी के प्रति उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के प्रति आभार व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता है. सच्ची लगन, मेहनत और ईमानदारी से किए गए काम का ही प्रतिफल है कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की राष्ट्रीय अध्यक्ष बनीं. इसके बाद नई-नई जिम्मेदारी मिली, जिसे अपना कर्तव्य मानकर आगे वह आगे बढ़ते गई. उन्होंने कहा कि अब अब इस नई जिम्मेदारी को भी बेहतर ढंग से पूरा करने का प्रयास करूंगी.