रांचीः झारखंड हाई कोर्ट ने पहले भी जेपीएससी के मामलों की जांच करने के आदेश दिए हैं. आश्चर्यजनक तौर पर झारखंड हाईकोर्ट के आदेश पर जेपीएससी द्वारा ली गई एक दर्जन नियुक्ति परीक्षाओं की जांच सीबीआई से हो रही है. जेपीएससी परीक्षाओं में अनियमितता को लेकर तत्कालीन अध्यक्ष और सदस्य के अलावा सचिव के विरुद्ध भी कार्रवाई हुई है.
इससे पहले निगरानी जांच और बाद में सीबीआई जांच में भी इन परीक्षाओं में भारी गड़बड़ी की पुष्टि हो चुकी है. सीबीआई ने तो व्याख्याता नियुक्ति में गड़बड़ी की चार्जशीट भी दाखिल कर दी है. इधर, छठी सिविल सेवा परीक्षा पांच वर्ष से अधिक समय में भी पूरी नहीं हो पाई है. इस परीक्षा में बार-बार विवाद होने तथा राज्य सरकार के हस्तक्षेप के कारण इसकी प्रारंभिक परीक्षा में दो-दो बार संशोधन करना पड़ा.
तीन बार इसके परिणाम जारी हुए, हालांकि इस परीक्षा का साक्षात्कार हो चुका है और शीघ्र अंतिम परिणाम जारी होने की उम्मीद है. बात सिर्फ जेपीएससी की ही नहीं है. झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) की परीक्षा में भी अभ्यर्थियों को हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा था.
वनरक्षी बहाली परीक्षा में धांधली के बाद परिणाम बदलने की नौबत आई और कई लोगों को नई सूची निकालकर नियोजित किया गया. इसके पूर्व भी विभिन्न प्रकार की बहालियों में लोग व्यक्तिगत स्तर पर न्याय के लिए कोर्ट तक पहुंचे. सामूहिक तौर पर भ्रष्टाचार के मामले कम ही सामने आए हैं.