अमिता सिन्हा
रांची : इरादे मजबूत हो तो मंज़िल पाई जा सकती है. उड़ान भरनी हो तो पंखों की लंबाई नहीं देखी जाती. इस कहावत को चरित्तार्थ कर रही है रांची की बुलेट रानी.
कहते हैं अगर काम करने का जज्बा हो तो उसकी लगन मेहनत उसके हुनर को जरूर एक पहचान दिलाती है. ऐसा ही कुछ मिसाल पेश कर रही है रांची की रहने वाली बेबी. बेबी को रांची में बुलेट रानी के नाम से लोग जानते हैं. इसके पीछे वजह जानकर आप ही आश्चर्य में पड़ जाएंगे. 21 साल की बेबी पिस्का मोड़ स्थित एक बुलेट सर्विस सेंटर में काम करती हैं. बेबी के आसपास के लोग और उसके साथ काम करने वाले बुलेट रानी के नाम से उन्हें बुलाते हैं. बेबी की मानें तो आर्थिक बदहाली के कारण उसने बारहवीं तक ही पढ़ाई की है और पिछले 7 सालों से वह सर्विस सेंटर में काम कर रही है. लेकिन इस बात का बेबी को जरा भी मलाल नहीं है कि वह गैराज में काम करती है. बल्कि उसे गर्व है इस बात का कि वह किसी से कम नहीं है. वह आगे जाकर ऑटोमोबाइल सेक्टर में अपने इस हुनर को पहचान दिलाना चाहती है.
बारहवीं के आगे की पढ़ाई नहीं कर पायी बेबी, आर्थिक बदहाली बनी वजह
आर्थिक तंगी के कारण बारहवीं के आगे की पढ़ाई करने में असमर्थ रही बेबी अपने काम में बेहद माहिर है. इसका काम इतना अच्छा होता है कि सर्विसिंग सेंटर में हर कोई बेबी के काम की तारीफ करता है. रिपेयरिंग सेंटर के मालिक फुरकान का कहना है बेबी का काम ग्राहकों को पसंद आता है.
अमूमन गैराज में पुरुषों को ही काम करते देखा गया है, लेकिन रांची की बेटी बेबी इस सोच को तोड़ती नजर आ रही है. पुरुषों के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही हैं और अपने हुनर का लोहा मनवा रही हैं. ऑटोमोबाइल सेक्टर में अपनी पहचान बनाने और नौकरी लेने के सपने देखती रही है.