रांची : कल से बजट सत्र शुरू हो रहा है और इसे लेकर आज सर्वदलीय बैठक बुलाई गयी है. लेकिन बीजेपी ने इस बैठक का बहिष्कार किया है. स्पीकर की बैठक में कोई भी बीजेपी विधायक शामिल नहीं होंगे. दरअसल, बतौर विधायक दल के नेता के तौर पर बाबूलाल मरांडी को नहीं बुलाए जाने पर बीजेपी नाराज है और इसी को लेकर बैठक का बहिष्कार किया है. बता दें कि बैठक में शामिल होने के लिए सीपी सिंह को बुलाया गया है.
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इस बात में दर्द भी है और नियम भी है. दर्द ये है कि बाबूलाल मरांडी जिन्होंने कंघी के सहारे कमल को मुरझाने की कोशिश की. आज कमल को सहारा देने वाली डंडी बन गये हैं और सीपी सिंह जो 6 बार से रांची विधानसभा से कमल खिला रहे हैं. हर कठिन घड़ी में कमल को अपने खून से सींच रहे हैं. आज स्पीकर की बैठक में चिठ्ठी तो उनके नाम आती है. पर नियमानुसार वो खुद को इस बैठक में जाने से रोकते हैं. उनका कहना भी ठीक है कि पार्टी ने सर्वसम्मति से जब बाबूलाल मरांडी को बीजेपी विधायक दल का नेता चुना है तो भला वो स्पीकर के विधायक दल की बैठक में क्यों जाएं.
बाबूलाल मरांडी तकनीकी रूप से जेवीएम के विधायक हैं, बीजेपी के नहीं. लेकिन बाबूलाल मरांडी की जेवीएम का विलय बीजेपी में किया गया है. अब इस विलय के बाद वो बीजेपी विधायक दल के नेता हो सकते हैं या नहीं ये तो संवैधानिक पेचीदगी की बात है. पर प्रदेश अध्यक्ष कहते हैं कि बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष की मान्यता मिलनी ही चाहिये.